
Up Kiran, Digital Desk: देश में लोकसभा चुनावों के बीच राजनीतिक बयानबाजियां तेज़ हो गई हैं। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने चुनाव आयोग (EC) पर बेहद तीखे हमले किए हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि चुनाव आयोग, भारतीय जनता पार्टी (BJP) की "इलेक्शन चोरी ब्रांच" (चुनाव चोरी शाखा) बन गया है, जो चुनावों में धांधली और अनियमितताओं को बढ़ावा दे रहा है।
राहुल गांधी की यह कड़ी प्रतिक्रिया मुख्य रूप से सूरत लोकसभा सीट पर हुए हालिया घटनाक्रम के बाद आई है। जहाँ कांग्रेस उम्मीदवार का नामांकन रद्द होने और अन्य सभी उम्मीदवारों के नाम वापस लेने के बाद, बीजेपी उम्मीदवार मुकेश दलाल को बिना किसी चुनौती के विजेता घोषित कर दिया गया। इस पर राहुल गांधी ने गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए इसे "लोकतंत्र की हत्या" करार दिया है। उन्होंने कहा कि यह भारतीय लोकतांत्रिक प्रक्रिया में एक काला अध्याय है।
कांग्रेस नेता ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVMs) की विश्वसनीयता पर भी गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने दावा किया कि कई बार ऐसा हुआ है जब लोग बटन किसी और पार्टी का दबा रहे हैं, लेकिन वोट कहीं और जा रहा है। उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया कि सुप्रीम कोर्ट ने भी चुनाव आयोग को सभी वोटों के 'वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल' (VVPAT) से मिलान करने का आदेश दिया है, लेकिन चुनाव आयोग ने अभी तक इस आदेश का पूरी तरह पालन नहीं किया है, जिससे संदेह और बढ़ गया है।
राहुल गांधी ने स्पष्ट रूप से आरोप लगाया कि चुनाव आयोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दबाव में काम कर रहा है और विपक्ष की चिंताओं को लगातार नज़रअंदाज़ कर रहा है। उन्होंने कहा, “यह पहली बार नहीं है जब चुनाव आयोग पर सत्ताधारी दल के दबाव में काम करने के आरोप लगे हैं। वे लगातार मोदी सरकार के इशारों पर काम कर रहे हैं, जिससे निष्पक्ष चुनाव की भावना को ठेस पहुंच रही है।
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