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Up Kiran, Digital Desk: भारत में रेलवे यात्रा न केवल रोजमर्रा की ज़िंदगी का हिस्सा है, बल्कि त्योहारों और छुट्टियों के समय यह एक बड़ा तनाव भी बन जाता है। खासकर दिवाली और छठ पूजा जैसे अवसरों पर टिकट पाने के लिए यात्रियों को भयंकर संघर्ष करना पड़ता है। इस दौरान बहुत से लोग टिकट न मिलने पर भी ट्रेन में चढ़ जाते हैं, जो न सिर्फ नियमों के खिलाफ है बल्कि भविष्य में भारी समस्याएं भी खड़ी कर सकता है।

बिना टिकट यात्रा पर रेलवे की सख्त कार्रवाई

भारतीय रेलवे बिना टिकट सफर करने वालों के खिलाफ कड़ी सजा का प्रावधान करता है। अगर कोई यात्री वैध टिकट के बिना पकड़ा जाता है तो उसे कम से कम 250 रुपये जुर्माना भरना होता है। इसके अलावा, उस यात्री से उसकी पूरी यात्रा की दूरी का किराया भी वसूला जाता है। कभी-कभी यह पता न चल पाने पर कि यात्रा कहां से शुरू हुई, रेलवे शुरुआती स्टेशन से लेकर पकड़े जाने वाले स्टेशन तक के पूरे किराए की मांग कर सकता है। अगर जुर्माना देने से मना किया जाता है या पैसे नहीं होते तो रेलवे सुरक्षा बल (RPF) के पास यात्री को गिरफ्तार करने और कानूनी कार्रवाई करने का अधिकार होता है।

टिकट बुकिंग के आसान विकल्प

आजकल टिकट लेना पहले से कहीं आसान हो गया है। ऑनलाइन टिकट बुकिंग के साथ ही रेलवे ने प्लेटफॉर्म टिकट का विकल्प भी दिया है। इस टिकट के जरिए आप उस स्टेशन पर ट्रेन में चढ़ सकते हैं और वहां से तुरंत टिकट चेकर से संपर्क कर अपनी यात्रा के लिए सही टिकट ले सकते हैं। प्लेटफॉर्म टिकट अब मोबाइल एप UTS के माध्यम से भी खरीदा जा सकता है, जो तेज, सुरक्षित और आरामदायक है। इससे यात्रियों को लंबी लाइन में खड़े होने की जरूरत नहीं पड़ती।