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देश भर में बारिश तबाही मचा रही है। दिल्ली एनसीआर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में बारिश ने विकराल स्थित पैदा कर दी है। उत्तर भारत के कई इलाकों में सड़कें और आवासीय इलाके घुटने तक पानी में डूब गए हैं। 

कई जगहों पर सैलाब में वाहन बहते नजर आए। इन प्रदेशों की राज्य सरकारें भी डिस्टर्ब हैं। हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली के मुख्यमंत्री बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में दौरा कर रहे हैं। सबसे बुरे हालात हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में हैं। हिमाचल और उत्तराखंड से कई ऐसे मंजर सामने आए हैं। जहां इमारतें ताश के पत्तों की तरह ढहती नजर आईं। हिमाचल में आई आसमानी आफत ने पूरे प्रदेश को तहस नहस कर दिया है। 

वहीं, लगातार तीन दिनों से हो रही बारिश से सोलन जिला में भी भारी नुकसान हुआ है। प्रदेश में लैंडस्लाइड से 140 सड़कें बंद है। जिसमें करीब 5 हाईवे शामिल है। जिससे प्रदेशभर में जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। कई मुख्य और संपर्क मार्ग बंद पड़े हैं, जिन्हें खोलने का प्रयास किया जा रहा है। वही, लगातार हो रही बारिश के चलते नदी, नाले उफान पर है। हिमाचल प्रदेश के सोलन जिला के औद्योगिक क्षेत्र परवाणू में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। सेक्टर 4 में कई गाड़ियां बारिश के पानी में बहती हुई नजर आई। यहां पर लोग दहशत में है।

मंडी जिले में भारी बारिश से हालात बद से बदतर हो गए हैं। हालांकि जिले में बारिश का दौर थम गया, लेकिन नदी नाले अभी भी उफान पर हैं। बारिश के बाद मंडी में तबाही का मंजर देखने को मिल रहा है। जिले में कहीं सड़कें बंद हैं तो कहीं पर बिजली गुल है। मंडी में हर ओर पानी ही पानी नजर आ रहा है। राज्य में अब तक करीब 4 हजार करोड़ का नुकसान हुआ है। 

जानकारी के अनुसार, हिमाचल प्रदेश में करीब 80 सड़कें पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं और करीब 200 से ज्यादा मकानों को नुकसान पहुंचा है। हिमाचल प्रदेश में एनडीआरएफ 14 टीमें तैनात की गई हैं। वहीं, आईएमडी ने हिमाचल प्रदेश में अगले 24 घंटों को लेकर रेड और ऑरेंज अलर्ट घोषित किया है। 

मौसम विभाग के अनुसार, हिमाचल में फिलहाल बारिश से राहत मिलने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। हिमाचल प्रदेश में 13 जुलाई तक मंडी, कुल्लू मनाली, सोलन, सिरमौर में बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है। हिमाचल प्रदेश के मंडी में सिक्स माइल एरिया में लैंडस्लाइड की वजह से चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाइवे को बंद कर दिया गया है। 

शिमला में भारी बारिश के बीच लोगों के लिए पीने के पानी की कमी हो गई है। शिमला जल प्रबंधन निगम लिमिटेड अब लोगों को टैंकर से पानी पहुंचा रही है। पिछले 72 घंटों में देश के अलग-अलग राज्यों में 76 लोगों की जान चली गई। यूपी में 34, हिमाचल में 20, जम्मू-कश्मीर में 15, दिल्ली में पांच और राजस्थान और हरियाणा में एक-एक की मौत हुई है। उत्तर भारत के चार राज्यों में हो रही भारी बारिश और बाढ़ से निपटने के लिए एनडीआरएफ की कुल 39 टीम तैनात की गई हैं।

अधिकारियों ने कहा कि एनडीआरएफ की 14 टीम पंजाब में काम कर रही हैं, जबकि एक दर्जन टीम हिमाचल प्रदेश, आठ उत्तराखंड और पांच हरियाणा में तैनात हैं। हिमाचल प्रदेश में भी राज्य सरकार ने सभी स्कूल, कॉलेज और अन्य शिक्षण संस्थानों को 11 जुलाई तक बंद रखने का आदेश दिया है। पंजाब के भी जिलों में स्कूल बंद रखने का आदेश आया है।

हरियाणा के हथिनी कुंड से छोड़ा गया पानी राजधानी दिल्ली की ओर बढ़ रहा--

दिल्ली में यमुना सहित कई नदियां उफान पर हैं। क्षेत्र में कई सड़कें और आवासीय इलाके घुटने तक पानी में डूब गए हैं। कई जगहों पर सैलाब में वाहन बहते नजर आए। हरियाणा के करनाल में भीषण बारिश के चलते कई गांवों में पानी भर गया है। भारी जलजमाव की वजह से लोगों को नाव के जरिये निकाला जा रहा है। 

वहीं, बरसात ने रेल सुविधाओं पर भी असर डाला है। भारी बारिश के चलते सनेहवाल-अंबाला रूट की कई ट्रेनों पर असर पड़ा है। नॉदर्न रेलवे के पीआरओ ने बताया कि जलजमाव के कारण रेलवे ट्रैक पर पानी भर गया है। हरियाणा के पंचकुला में भारी बारिश में के चलते फ्लाईओवर का एक हिस्सा बह गया। इतना ही नहीं, कई जगहों पर सड़क धंस गई है और कई जगहों पर टूट गई है। हरियाणा के हथिनी कुंड से इस वक़्त 3.60 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जो तेजी से दिल्ली की तरफ बढ़ रहा है। अगले कुछ घंटों मे 4 लाख क्यूसेक पानी दिल्ली पहुंच सकता है। 

संभावना जताई जा रही है कि यमुना का जलस्तर बढ़ने से दिल्ली के निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात हो सकते हैं। फिलहाल दिल्ली के पुराने रेलवे ब्रिज के ऊपर से पानी बह रहा है। एहतियात के तौर पर इस ब्रिज को बंद कर दिया गया है। मंगलवार की सुबह 8 बजे यमुना का जलस्तर खतरे के निशान को पार करते हुए 206.32 मीटर पर पहुंच गया था। अगर नदी का जलस्तर 207.49 मीटर पहुंच जाता है तो दिल्ली में बाढ़ आने का खतरा हो सकता है। दिल्ली के कई इलाकों में पानी भरा हुआ है। अधिकारियों ने यमुना के बढ़ते जल स्तर पर चेतावनी दी है।

उत्तराखंड में भी लगातार हो रही बारिश ने बरपाया जमकर कहर--

देवभूमि में लगातार हो रही बारिश ने अपना जमकर कहर बरपाया है। जिससे ऋषिकेश बदरीनाथ राजमार्ग अवरुद्ध हो गया है। वहीं उत्तराखंड के उत्तरकाशी में मध्य प्रदेश के टूरिस्ट की गाड़ियों पर पहाड़ से टूटकर पत्थर गिर गए। इस हादसे में इंदौर के चार टूरिस्ट की मौत हो गई। वहीं 10 लोग घायल हुए हैं। 

उत्तराखंड में लगातार तीन दिनों से हो रही बारिश के चलते नदी नाले उफान पर हैं। इसी कड़ी में ट्यूनी के बीचों-बीच बहने वाली टोंस नदी का जलस्तर बढ़ने से तहसील प्रशासन ने नदी किनारे बनीं दुकानों को खाली करवाया। इसके अलावा लगातार बारिश के कारण नीती बॉर्डर सड़क पर स्थित जुमा मोटरपुल बह गया है। साथ ही राष्ट्रीय राजमार्ग बदरीनाथ पर कंचनगंगा के पास सड़क का कुछ हिस्सा भारी मलबा आने के कारण बह गया है। 

वहीं सोनप्रयाग-गौरीकुंड मोटरमार्ग पर जगह-जगह पहाड़ी से मलबा गिर रहा है, जिस कारण केदारनाथ यात्रा को रोकना पड़ा। केदारनाथ हाईवे पर फाटा में दिल्ली से आए दो कांवड़ यात्रियों की मोटरसाइकिल पहाड़ी से गिरे बोल्डरों की चपेट में आ गई, जिस कारण एक कांवड़ यात्री की मौके पर ही मौत हो गई और एक यात्री घायल हो गया। फिलहाल लगातार हो रही बारिश से हालात अस्त-व्यस्त हैं। 

वहीं दूसरी ओर लगातार हो रही बारिश के कारण बदरीनाथ हाईवे सिरोबगड़ में बंद हो गया है। इसके साथ ही लिंक मोटरमार्गों पर भी जगह-जगह मलबा आया हुआ है, जिस कारण मार्ग बाधित हो गए हैं। 

जिले के 4 राज्य मार्ग भी भारी बारिश के चलते बंद पड़े हुए हैं। मूसलाधार बारिश के कारण गंगोत्री हाईवे भटवाड़ी से गंगनानी के बीच सात स्थानों पर मलबा आने के कारण बाधित हो गया। वहीं सीएम पुष्कर सिंह धामी ने हादसे पर दुख जताया है। 

हरिद्वार में भारी बारिश के चलते भीषण जलजमाव के हालात पैदा हो गए हैं। लोगों की सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए कई इलाकों को खाली करा लिया गया है। भारी बारिश के पूर्वानुमान को देखते हुए उत्तराखंड के सभी जिलों को अलर्ट पर रखा गया है। साथ ही शासन ने सभी जिलाधिकारियों को एहतियात बरतने के निर्देश जारी किए हैं। बारिश ने रफ्तार में ब्रेक के साथ ही बच्चों की शिक्षा पर भी रोक लगा दी है। उत्तराखंड में 11 और 12 जुलाई को चमोली, पौड़ी गढ़वाल, पिथौरागढ, बागेश्वर, अल्मोडा, चंपावत, नैनीताल, उधम सिंह नगर के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है। 

वहीं उत्तर प्रदेश में बीते 24 घंटे में प्राकृतिक आपदा से 8 लोगों की मौत हुई है। बीते 24 घंटे में 5 की आकाशीय बिजली, 2 की डूबने और 1 की सांप काटने से मौत हुई है। यूपी के कई जिलों में सामान्य से अधिक बारिश हुई है। प्रदेश के 33 जिलों में अधिक वर्षा, 21 जिलों में सामान्य वर्षा, 9 जिलों में कम वर्षा और 12 जिलों जिलों में अत्यधिक कम वर्षा की खबर है। मेरठ, मैनपुरी, बागपत, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, औरैया, कासगंज, झांसी, कानपुर नगर, हापुड़, अलीगढ़, बुलंदशहर, फतेहपुर, गाजीपुर, प्रयागराज, शामली, अमेठी, और गौतम बुद्धनगर में सामान्य से अधिक वर्षा हो चुकी है।

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