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Up Kiran, Digital Desk: चित्तौड़गढ़ के मंडफिया स्थित विश्व प्रसिद्ध सांवलिया सेठ मंदिर ने इस बार आस्था और चढ़ावे के सारे पुराने रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए हैं। 17 दिनों के बाद जब मंदिर का भंडार (खुफिया खजाना) खोला गया, तो चढ़ावे की रकम देख हर कोई हैरान रह गया – नकदी में 28 करोड़ रुपये से भी अधिक का चढ़ावा आया है, जिसके साथ 204 किलो चांदी और 1 किलो सोने का नजराना भी भक्तों ने प्रेम से अर्पित किया है। यह किसी चमत्कार से कम नहीं, जो सांवलिया सेठ के प्रति भक्तों की अटूट श्रद्धा और विश्वास को दर्शाता है।

सांवलिया सेठ, जिन्हें 'धन के देवता', 'व्यापारियों के भगवान' और 'मेवाड़ के कुबेर' के रूप में पूजा जाता है, उनके दरबार में देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं ने अपनी अटूट श्रद्धा का परिचय दिया है। यह चढ़ावा सिर्फ नकदी तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि इसमें 204 किलोग्राम से अधिक चांदी, 1 किलोग्राम सोना, चेक, मनी ऑर्डर, ऑनलाइन भुगतान और विदेशी मुद्रा भी शामिल है। भंडार की यह विशाल राशि मंदिर के इतिहास का सबसे बड़ा चढ़ावा बन गई है।

मंगलवार से शुरू हुई भंडार की गणना तीन दिनों तक लगातार चलती रही। मंदिर मंडल के अधिकारी, कर्मचारी और बैंक कर्मियों की कड़ी निगरानी में, सीसीटीवी कैमरों की आंखों के सामने यह पूरी प्रक्रिया संपन्न हुई। खुले खजाने की पारदर्शी गणना ने एक बार फिर मंदिर की व्यवस्था पर श्रद्धालुओं का विश्वास बढ़ाया है। मंदिर प्रशासन ने बताया कि अभी भी कुछ चेक और ऑनलाइन चढ़ावे का मिलान जारी है, जिससे यह आंकड़ा और भी बढ़ सकता है।

यह पहली बार नहीं है जब सांवलिया सेठ ने रिकॉर्ड तोड़े हों। पिछले साल भी करीब 13 करोड़ रुपये का चढ़ावा आया था, लेकिन इस बार का आंकड़ा ऐतिहासिक है, जिसने पिछले सभी कीर्तिमान ध्वस्त कर दिए हैं। सांवलिया सेठ के प्रति भक्तों की यह अटूट आस्था ही है, जो उन्हें दूर-दूर से खींच लाती है और ऐसे अभूतपूर्व चढ़ावे के रूप में प्रकट होती है। यह धनवर्षा न केवल मंदिर की महिमा बढ़ाती है, बल्कि क्षेत्र की समृद्धि और भक्तों की अटूट श्रद्धा का भी प्रमाण है।

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