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14 मई 2025 की रात 11:20 बजे गुरु ग्रह बृहस्पति मिथुन राशि में प्रवेश करेगा। यह खगोलीय घटना न केवल ज्योतिषीय दृष्टिकोण से बल्कि व्यक्तिगत जीवन के स्तर पर भी विशेष प्रभाव डालने वाली है। गुरु ग्रह को धर्म ज्ञान समृद्धि और शुभता का प्रतीक माना जाता है। उसका राशि परिवर्तन यानी गोचर हर 13 महीने में होता है  मगर इस बार की चाल कुछ हटकर है अतिचारी बृहस्पति की यह गति वर्ष 2032 तक असर डाल सकती है।

इस वर्ष बृहस्पति कई बार राशि बदलेगा

14 मई को मिथुन में प्रवेश

18 अक्टूबर को कर्क में

फिर 5 अक्टूबर को वापस मिथुन में लौट आएगा

इस असमान चाल से गुरु “अतिचारी” बन जाएगा जो इसका प्रभाव और अधिक शक्तिशाली तथा अप्रत्याशित बना देता है।

इन चार राशियों के लिए बन रहा है राजयोग

मेष राशि

गुरु का गोचर तीसरे भाव में होने से संचार कौशल में निखार आएगा। करियर में नेटवर्किंग से नए अवसर बनेंगे। भाई-बहनों से संबंधों में मधुरता आएगी। हालांकि आलस्य और मानसिक थकान परेशान कर सकते हैं।

वृषभ राशि

गुरु का प्रभाव दूसरे भाव में धन और पारिवारिक सुख में वृद्धि होगी। वाणी में मधुरता आने से व्यक्तिगत और व्यावसायिक रिश्तों में मजबूती मिलेगी। निवेश लाभदायक सिद्ध हो सकता है।

मिथुन राशि

पहले भाव में गुरु का गोचर आत्मविश्वास और आत्मविकास का कारण बनेगा। करियर ग्रोथ और विदेश यात्रा के योग बनेंगे। प्रेम संबंध बन सकते हैं  मगर कुछ रिश्ते अल्पकालिक हो सकते हैं।

मीन राशि

चौथे भाव में गुरु का प्रवेश मन की शांति और संपत्ति लाभ का संकेत दे रहा है। रियल एस्टेट से जुड़े मामलों में सफलता मिलेगी। हालांकि मानसिक संतुलन बनाए रखना आवश्यक है।

इन राशियों को रहना होगा सतर्क

14 मई के बाद राहु और मंगल का षडाष्टक योग (18 मई से 7 जून) कुछ राशियों के लिए तनाव और उलझन ला सकता है। इसके अलावा 29 मार्च को मीन राशि में शनि-राहु की युति से "पिशाच योग" बनेगा जो मानसिक असंतुलन और बाधाएं उत्पन्न कर सकता है।

विशेष रूप से कर्क वृश्चिक और तुला राशि वालों को इस दौरान अपनी सेहत और मानसिक स्थिरता पर ध्यान देना चाहिए।

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