
Up Kiran, Digital Desk: बॉलीवुड के जाने-माने फिल्म निर्माता-निर्देशक राकेश रोशन हाल ही में अपनी सेहत को लेकर सुर्खियों में हैं। 76 साल की उम्र में उन्हें एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या का सामना करना पड़ा है – उनकी कैरोटिड आर्टरी (Carotid Artery) में 75% ब्लॉकेज पाया गया, जिसके लिए उन्होंने एक प्रिवेंटिव प्रोसीजर (निवारक प्रक्रिया) करवाई है। यह घटना हमें समय पर स्वास्थ्य जांच और बीमारी के शुरुआती लक्षणों को पहचानने की अहमियत सिखाती है।
अपनी कैरोटिड आर्टरी में 75% ब्लॉकेज का पता चलने के बाद यह एहतियाती प्रक्रिया करवाई है। यह कोई हार्ट अटैक नहीं था, बल्कि स्ट्रोक जैसे गंभीर खतरे को टालने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम था। कैरोटिड आर्टरी में ब्लॉकेज एक ऐसी स्थिति है जो अक्सर बिना किसी बड़े लक्षण के बढ़ती रहती है, और अगर इसका इलाज न किया जाए तो यह जानलेवा स्ट्रोक का कारण बन सकती है।
क्या है कैरोटिड आर्टरी ब्लॉकेज और क्यों है यह खतरनाक?
कैरोटिड आर्टरी गर्दन में मौजूद दो मुख्य रक्त धमनियां होती हैं जो मस्तिष्क तक ऑक्सीजन युक्त रक्त पहुंचाती हैं। ये हमारे शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक, दिमाग को सही ढंग से काम करने के लिए लगातार रक्त की आपूर्ति सुनिश्चित करती हैं।
जब इन धमनियों में वसायुक्त पदार्थ (प्लाक - Plaques) जमा हो जाते हैं, तो इन्हें कैरोटिड आर्टरी ब्लॉकेज या कैरोटिड आर्टरी स्टेनोसिस (Carotid Artery Stenosis) कहा जाता है। यह ब्लॉकेज रक्त प्रवाह को बाधित कर सकता है, जिससे मस्तिष्क को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। स्ट्रोक एक गंभीर स्थिति है जो मस्तिष्क क्षति, विकलांगता या मृत्यु का कारण बन सकती है।
कैरोटिड आर्टरी ब्लॉकेज के मुख्य कारण:
इस स्थिति के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें प्रमुख हैं:
उच्च कोलेस्ट्रॉल (High Cholesterol)
उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure)
मधुमेह (Diabetes)
धूम्रपान (Smoking)
मोटापा (Obesity)
निष्क्रिय जीवनशैली (Sedentary Lifestyle)
बढ़ती उम्र (Aging)
साइलेंट किलर: लक्षण जो अक्सर नजरअंदाज हो जाते हैं
अक्सर, कैरोटिड आर्टरी ब्लॉकेज के शुरुआती चरणों में कोई स्पष्ट लक्षण नहीं दिखते, यही वजह है कि इसे "साइलेंट किलर" भी कहा जाता है। हालांकि, जब ब्लॉकेज गंभीर हो जाता है, तो कुछ लक्षण दिख सकते हैं जो स्ट्रोक का संकेत हो सकते हैं:
अचानक चक्कर आना या संतुलन खोना।
एक आंख या दोनों आंखों से धुंधला दिखना या अस्थायी रूप से दृष्टि खोना।
शरीर के एक हिस्से (चेहरे, हाथ या पैर) में अचानक कमजोरी या सुन्नपन।
बोलने या समझने में कठिनाई (जुबान लड़खड़ाना)।
तेज सिरदर्द (अचानक और गंभीर)।
यदि आप इनमें से कोई भी लक्षण महसूस करते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
नियमित स्वास्थ्य जांच क्यों है इतनी ज़रूरी?
राकेश रोशन का मामला इस बात का प्रमाण है कि नियमित स्वास्थ्य जांच कितनी महत्वपूर्ण है। अक्सर लोग तभी डॉक्टर के पास जाते हैं जब उन्हें कोई समस्या महसूस होती है। लेकिन कैरोटिड आर्टरी ब्लॉकेज जैसी कई गंभीर बीमारियां बिना किसी लक्षण के धीरे-धीरे बढ़ती रहती हैं। नियमित जांच से इन बीमारियों का समय रहते पता लगाया जा सकता है और गंभीर परिणामों से बचा जा सकता है।
विशेष रूप से 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों, या उच्च रक्तचाप, मधुमेह, उच्च कोलेस्ट्रॉल और धूम्रपान के इतिहास वाले लोगों को नियमित स्क्रीनिंग करानी चाहिए। इसमें ब्लड टेस्ट, ब्लड प्रेशर चेक और कुछ मामलों में डॉप्लर अल्ट्रासाउंड (Doppler Ultrasound) जैसे टेस्ट शामिल हो सकते हैं, जो धमनियों में रक्त प्रवाह की जांच करते हैं।
बचाव और उपचार
निवारण (Prevention): स्वस्थ जीवनशैली अपनाना इस बीमारी को रोकने में सबसे महत्वपूर्ण है। इसमें संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, धूम्रपान छोड़ना, शराब का सेवन सीमित करना, वजन नियंत्रण और तनाव कम करना शामिल है।
चिकित्सा (Treatment): यदि ब्लॉकेज का पता चलता है, तो डॉक्टर दवाओं (जैसे रक्त पतला करने वाली दवाएं या कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली दवाएं) की सलाह दे सकते हैं। कुछ मामलों में, सर्जिकल प्रक्रियाओं की आवश्यकता हो सकती है, जैसे:
कैरोटिड एंडेर्टेरेक्टोमी (Carotid Endarterectomy): एक सर्जरी जिसमें धमनी से प्लाक को हटाया जाता है।
कैरोटिड एंजियोप्लास्टी और स्टेंटिंग (Carotid Angioplasty and Stenting): एक प्रक्रिया जिसमें धमनी को खोलने के लिए एक गुब्बारे का उपयोग किया जाता है और फिर उसे खुला रखने के लिए एक स्टेंट डाला जाता है, जैसा राकेश रोशन के मामले में हुआ हो सकता है।
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