
Up Kiran, Digital Desk: जेडी(एस) के पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना ने बलात्कार के एक मामले में मिली सजा के खिलाफ कर्नाटक हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। पिछले महीने एक स्पेशल कोर्ट ने प्रज्वल को यौन शोषण और बलात्कार के चार मामलों में से एक में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
सांसदों/विधायकों के लिए बनी विशेष अदालत के जज संतोष गजानन भट ने 2 अगस्त को दोषी राजनेता को आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत सजा सुनाई थी। उन पर कुल 11.50 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था, जिसमें से 11.25 लाख रुपये पीड़िता को दिए जाने थे।
क्या है प्रज्वल की दलील: जर्मनी से लौटने के बाद पिछले साल मई में गिरफ्तार हुए रेवन्ना ने इस फैसले को कई आधारों पर चुनौती दी है। उनका दावा है कि पीड़िता के बयान में विरोधाभास है और अभियोजन पक्ष द्वारा पेश किए गए सबूतों में भी विसंगतियां हैं।
क्या था पूरा मामला: जिस मामले में प्रज्वल को सजा सुनाई गई है, वह हासन जिले के होलेनरसिपुरा में उनके परिवार के फार्महाउस पर काम करने वाली 48 वर्षीय महिला से जुड़ा है। आरोप है कि 2021 में उनके साथ दो बार बलात्कार किया गया - एक बार हासन फार्महाउस पर और दूसरी बार बेंगलुरु आवास पर - और आरोपी ने इस कृत्य को अपने मोबाइल फोन पर रिकॉर्ड भी किया था।
निचली अदालत ने उन्हें दोषी ठहराने के लिए वीडियो फुटेज, बालों के डीएनए विश्लेषण और पीड़िता के कपड़ों पर मिले जैविक निशानों सहित कई सबूतों पर भरोसा किया था।
अपनी याचिका में, रेवन्ना ने तर्क दिया है कि शिकायतकर्ता का बयान उसकी पुलिस शिकायत से मेल नहीं खाता है।
आपको बता दें कि प्रज्वल के खिलाफ बलात्कार और यौन उत्पीड़न के कुल चार मामले दर्ज हैं। ये मामले तब सामने आए जब 26 अप्रैल, 2024 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले हासन में प्रज्वल से जुड़े स्पष्ट वीडियो वाली पेन-ड्राइव बांटी गई थी।