Up Kiran, Digital Desk: महाराष्ट्र की राजनीति में, अक्सर कोई न कोई मुद्दा हमेशा चर्चा का केंद्र बना रहता है. हाल ही में, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के बेटे पार्थ पवार का नाम पुणे से जुड़े एक बड़े और विवादित जमीन घोटाले में सामने आया था, जिसे 300 करोड़ रुपये के कथित 'मुठे समिति जमीन घोटाला' के नाम से जाना जाता है. इस खबर ने सियासी गलियारों में खूब हलचल मचाई थी और कई तरह के सवाल खड़े कर दिए थे. लेकिन अब इस मामले में एक ऐसी बड़ी खबर सामने आई है, जिसने पार्थ पवार और उनके पिता अजीत पवार दोनों को एक बड़ी राहत दी है.
मुठे कमेटी की जांच में पार्थ पवार का नाम साफ
पुणे में हुए 300 करोड़ रुपये के कथित मुठे समिति जमीन घोटाले की जांच कर रही विशेषज्ञ समिति (मुठे कमेटी) ने अपनी विस्तृत रिपोर्ट जारी कर दी है. इस रिपोर्ट में, समिति ने पार्थ पवार के नाम को उन आरोपों से पूरी तरह बरी कर दिया है, जो उन पर इस जमीन डील में शामिल होने को लेकर लगाए गए थे. इसका साफ मतलब है कि कमेटी की जांच में यह सामने आया है कि इस हाई-प्रोफाइल जमीन लेनदेन में पार्थ पवार की कोई सीधी संलिप्तता नहीं थी.
यह फैसला महाराष्ट्र की राजनीति में काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. एनसीपी के अजीत पवार गुट के लिए यह एक बड़ी जीत है, क्योंकि इससे पहले उन पर और उनके परिवार पर राजनीतिक विरोधियों द्वारा लगातार हमले किए जा रहे थे. इस पूरे मामले ने मीडिया और जनता के बीच काफी सुर्खियां बटोरी थीं, और अब कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद कम से कम पार्थ पवार को इन आरोपों से मुक्ति मिल गई है.
जांच पैनल ने सभी संबंधित दस्तावेजों, साक्ष्यों और तथ्यों की गहन पड़ताल की. अब यह स्पष्ट हो गया है कि इस संवेदनशील मामले में पार्थ पवार का नाम शामिल नहीं है, जिससे निष्पक्ष जांच पर जोर देने वालों की भी बात सही साबित हुई है. यह देखना दिलचस्प होगा कि इस रिपोर्ट के बाद इस जमीन घोटाले में शामिल अन्य लोगों के खिलाफ जांच किस दिशा में आगे बढ़ती है और महाराष्ट्र की सियासत पर इसका क्या असर पड़ता है.
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