
Up Kiran, Digital Desk: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (national capital Delhi) में मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी (Chief Minister A Revanth Reddy) के नेतृत्व में एक विशाल धरना (massive dharna) प्रदर्शन हुआ, जिसमें राष्ट्रपति (President's assent) से बीसी आरक्षण बिलों (BC reservation bills) पर सहमति देने की मांग की गई. उन्होंने केंद्र सरकार (Centre) पर तेलंगाना की बार-बार की अपील (Telangana’s repeated requests) के प्रति "उदासीन" (indifferent) होने का आरोप लगाया. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि इस बिल को सहमति नहीं मिली, तो यह साफ हो जाएगा कि बीजेपी (BJP) पिछड़ा वर्ग (backward classes) के खिलाफ है. यह प्रदर्शन तेलंगाना ओबीसी आरक्षण (Telangana OBC reservation) और जाति जनगणना (caste census) की बढ़ती मांग को रेखांकित करता है.
आप गुजरात से ज़मीन नहीं मांग रहे": मोदी पर 'तेज़' हमला, 42% आरक्षण पर जंतर मंतर से 'चैलेंज
महा धरना (maha dharna) को संबोधित करते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा कि न तो बीआरएस अध्यक्ष के चंद्रशेखर राव (K Chandrasekhar Rao) और न ही बीजेपी नेताओं एन रामचंद्र राव (N Ramachander Rao), बंदी संजय कुमार (Bandi Sanjay Kumar) और जी किशन रेड्डी (G Kishan Reddy) ने 42 प्रतिशत बीसी आरक्षण को चुनौती दी थी, लेकिन यह चुनौती प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) और उनकी केंद्र सरकार से आई है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी (Congress party), जिसने इसे एक मिशन के रूप में लिया है, परिणाम प्राप्त करने के लिए अंतिम दम तक लड़ेगी.
रेवंत रेड्डी ने तीखे अंदाज़ में मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, "हम आपके गुजरात से एक टुकड़ा ज़मीन नहीं मांग रहे हैं. हमने आपके पोरबंदर बंदरगाह से पानी की एक बूंद भी नहीं मांगी है. अगर हम अपनी धरती पर कमजोर वर्गों को 42 प्रतिशत आरक्षण देते हैं, तो आपके गुजरातियों को क्या परेशानी है? मैं जंतर मंतर से एक चुनौती फेंक रहा हूँ." उन्होंने आगे पूछा, "क्या NDA सरकार हमारी मांग स्वीकार करेगी? या हमें लाल किले पर तिरंगा फहराना होगा और ओबीसी (OBCs) के लिए 42 प्रतिशत आरक्षण प्राप्त करने के लिए राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को देश का प्रधान मंत्री बनाना होगा?" रेवंत रेड्डी जानना चाहते थे कि मोदी और बीजेपी को मान्यताओं और बिलों को रौंदने का अधिकार किसने दिया है. मोदी को 'कट्टर दुश्मन' बताते हुए, उन्होंने कहा कि प्रधान मंत्री का बीसी समुदाय को न्याय देने का कोई इरादा नहीं है. उन्होंने कहा कि रामचंद्रा राव, संजय कुमार और किशन रेड्डी जैसे लोगों को सबक सिखाने का समय आ गया है.
ड्रामा' से 'तसुनामी' तक: KTR के आरोपों का करारा जवाब और 'तेलंगाना मॉडल' का बड़ा ऐलान!
बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष के टी रामा राव (K T Rama Rao) द्वारा दिल्ली में धरने को 'ड्रामा' करार देने पर पलटवार करते हुए, रेवंत रेड्डी ने कहा कि के टी आर के नाम में भी 'ड्रामा' है.
उन्होंने कहा, "आपके घर में, आपके शरीर में, आपके खून में ड्रामा है, और आपका परिवार ड्रामा करके ही जीता है. आपके घर में एक व्यक्ति बीसी के पक्ष में है, जबकि दूसरा उनके खिलाफ है. तीसरा व्यक्ति कहीं बीच में है. आप हमारे साथ खड़े होने के बजाय मोदी के साथ क्यों जुड़े हैं? क्या आपने अपना नाम और तेलंगाना के साथ अपना जुड़ाव भी खो दिया है?" मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि कोई भी कांग्रेस नेतृत्व की ईमानदारी पर सवाल नहीं उठा सकता और तेलंगाना (Telangana) देश के लिए एक 'आदर्श मॉडल' (role model) के रूप में खड़ा है.
उन्होंने कहा कि जाति जनगणना (caste census) और बीसी के लिए 42 प्रतिशत आरक्षण (42 percent reservation for BCs) वाला यह तेलंगाना मॉडल राष्ट्रीय राजनीति (national politics) में 'सुनामी' (tsunami-like ripples) जैसी लहरें पैदा करेगा. और एनडीए (NDA) बंगाल की खाड़ी में समा जाएगा.
उन्होंने कहा, "यहां तक कि आरएसएस (RSS) भी मोदी को पद छोड़ने के लिए राजी नहीं कर पाया. अब 2029 में राहुल गांधी को उन्हें हटाने का समय आ गया है." रेवंत रेड्डी ने कहा कि राहुल गांधी ने ओबीसी को आरक्षण और जाति जनगणना के संबंध में 'गेंद लुढ़का दी' है. “हमारी मंत्रिपरिषद के साथ इसे आगे बढ़ाना मेरी जिम्मेदारी है.”
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