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Up Kiran, Digital Desk: एशिया कप 2025 में भारत-पाकिस्तान के बीच होने वाले मुकाबले को लेकर देश भर में बहस छिड़ गई है। हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले में जिन लोगों की जान गई, उनके परिवारों में खासा गुस्सा है। हमले में अपने पति को खो चुकी ऐशान्या द्विवेदी ने इस मैच के आयोजन पर कड़ा ऐतराज जताया है। उनका मानना है कि पाकिस्तान के साथ मैदान साझा करना उन परिवारों के घावों को और गहरा करता है, जिन्होंने हाल ही में अपनों को खोया है।
"क्रिकेट से पहले देशहित ज़रूरी": ऐशान्या द्विवेदी
मीडिया से बातचीत में ऐशान्या ने कहा कि इस मैच को स्वीकार करके क्रिकेट बोर्ड ने शहीदों के बलिदान की अनदेखी की है। उन्होंने खिलाड़ियों की भी आलोचना की, जो चुप्पी साधे हुए हैं। उनके अनुसार, खिलाड़ियों को आगे आकर पाकिस्तान के खिलाफ खेलने से मना करना चाहिए था। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि क्या खेल का पैसा अंततः उन गतिविधियों में नहीं जाएगा, जो भारत के खिलाफ ही हैं?
ब्रॉडकास्टर्स और दर्शकों से बहिष्कार की अपील
ऐशान्या ने यह भी कहा कि मैच से मिलने वाला मुनाफा कहीं न कहीं आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने में इस्तेमाल हो सकता है। उन्होंने टेलिविजन दर्शकों और प्रायोजकों से अपील की कि वे इस मैच को न देखें और न ही उसका समर्थन करें। उनके मुताबिक, यह वक्त है कि आम जनता अपनी जिम्मेदारी समझे और शहीद परिवारों के साथ खड़ी हो।
राजनीतिक हलकों में भी तीखी प्रतिक्रिया
इस मुद्दे पर विपक्षी पार्टियों ने भी केंद्र सरकार और क्रिकेट बोर्ड को कटघरे में खड़ा किया है। शिवसेना (यूबीटी) के नेता आदित्य ठाकरे ने तंज कसते हुए पूछा कि क्या "खून और क्रिकेट" एक साथ बह सकते हैं? वहीं महाराष्ट्र कांग्रेस ने भी इसे शहीदों के सम्मान के खिलाफ बताया। शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी (एसपी) ने केंद्र सरकार पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाया।
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से किया इनकार
इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें 14 सितंबर को दुबई में होने वाले भारत-पाकिस्तान मैच पर रोक लगाने की मांग की गई थी। अदालत ने कहा कि यह मामला उनके दायरे में नहीं आता।