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पिछले कुछ हफ्तों में भारतीय रुपये की स्थिति में जबरदस्त सुधार देखने को मिल रहा है। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया लगातार मजबूत होता जा रहा है और आज के कारोबारी सत्र में एक बार फिर रुपये ने अच्छी बढ़त दर्ज की है। रुपये की इस मजबूती ने निवेशकों और आम लोगों दोनों को राहत की उम्मीद दी है।

रुपया 85.05 प्रति डॉलर पर पहुंचा

सोमवार के शुरुआती कारोबार में रुपया 33 पैसे की मजबूती के साथ 85.05 प्रति डॉलर पर पहुंच गया। इसके पीछे एक प्रमुख कारण अमेरिकी डॉलर सूचकांक में गिरावट है, जो अब तीन साल के सबसे निचले स्तर पर आ चुका है। इस गिरावट का सीधा असर रुपये पर पड़ा है और यह लगातार मज़बूत होता जा रहा है।

डॉलर इंडेक्स में गिरावट की वजह अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कई देशों पर लगाए गए आयात शुल्क भी रहे हैं, जिससे डॉलर पर दबाव बना। इसके साथ ही भारत के घरेलू शेयर बाजार में मजबूती और विदेशी निवेशकों की वापसी ने भी रुपये को समर्थन दिया।

बीते सप्ताह भी दिखी मजबूती

इंटरबैंक फॉरेन एक्सचेंज मार्केट में गुरुवार को भी रुपया मजबूती के साथ बंद हुआ था। उस दिन रुपया डॉलर के मुकाबले 26 पैसे की तेजी के साथ 85.38 पर बंद हुआ था। शुक्रवार को ‘गुड फ्राइडे’ के चलते विदेशी मुद्रा बाजार बंद था, लेकिन सोमवार को फिर से शुरुआत होते ही रुपया और अधिक मजबूत होकर 85.05 तक पहुंच गया।

दूसरी ओर, अमेरिकी डॉलर इंडेक्स 0.92 प्रतिशत की गिरावट के साथ 98.31 पर पहुंच गया। साथ ही ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमत भी 1.47 प्रतिशत गिरकर 66.96 डॉलर प्रति बैरल हो गई है, जिससे भारत के आयात पर सकारात्मक असर पड़ने की उम्मीद है।

शेयर बाजार ने भी दिखाया दम

सोमवार को घरेलू शेयर बाजारों में भी जोरदार तेजी देखने को मिली। बीएसई सेंसेक्स 482.87 अंकों की छलांग लगाकर 79,036.07 पर बंद हुआ, जबकि एनएसई निफ्टी 146.85 अंक बढ़कर 23,998.50 पर पहुंच गया।

विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने भी भारतीय शेयर बाजार में भरोसा जताते हुए बृहस्पतिवार को 4,667.94 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। ये सभी कारक मिलकर रुपये की स्थिति को और मजबूत कर रहे हैं।

रुपये की मजबूती से भारत को क्या फायदा होगा?

1. आयात सस्ता होगा

रुपये की मजबूती का सबसे बड़ा फायदा आयात पर होता है। कच्चा तेल, गैस, मोबाइल, लैपटॉप जैसी विदेशी चीजें भारत में सस्ती हो सकती हैं क्योंकि डॉलर के मुकाबले रुपये का मूल्य अधिक होने से भुगतान कम करना पड़ता है।

2. महंगाई पर लगाम

जब आयात सस्ता होता है, तो इसके असर से देश में महंगाई भी नियंत्रित रहती है। खासकर पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर इसका सीधा असर होता है, जो बाकी सभी चीज़ों की कीमत को प्रभावित करता है।

3. विदेश में पढ़ाई और यात्रा होगी सस्ती

जो लोग विदेश में पढ़ाई करना चाहते हैं या घूमने का प्लान बना रहे हैं, उनके लिए ये समय फायदेमंद साबित हो सकता है। मजबूत रुपया होने से उन्हें कम पैसे खर्च करने पड़ते हैं।

4. विदेशी लोन पर असर

सरकार और कंपनियां जो विदेशी मुद्रा में लोन लेती हैं, उन्हें चुकाने में कम खर्च करना पड़ेगा। यह फाइनेंशियल बैलेंस को बेहतर बनाने में मदद करेगा।

5. निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा

रुपये की मजबूती का एक और बड़ा फायदा यह होता है कि विदेशी निवेशकों का भरोसा भारतीय अर्थव्यवस्था पर और मजबूत होता है। इससे देश में पूंजी का प्रवाह बढ़ता है और आर्थिक विकास को गति मिलती है।

रुपये की यह मजबूती सिर्फ एक संख्या नहीं है, बल्कि इसका सीधा असर आपकी जेब, देश की अर्थव्यवस्था और वैश्विक मंच पर भारत की स्थिति पर पड़ता है। यदि यह ट्रेंड जारी रहता है, तो आने वाले समय में आर्थिक मोर्चे पर भारत और मजबूत बन सकता है।

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