
यूक्रेन-रूस युद्ध ने एक बार फिर नया मोड़ ले लिया है। रूस ने शुक्रवार रात को यूक्रेन पर अब तक का सबसे बड़ा सैन्य हमला किया। इस हमले में करीब 700 ड्रोन, 10 बमवर्षक विमान (बॉम्बर्स) और दर्जनों मिसाइलें शामिल थीं। सूत्रों के मुताबिक, यह हमला योजनाबद्ध तरीके से अमेरिका से मिले हथियारों और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाकर किया गया।
यूक्रेनी वायुसेना और डिफेंस अधिकारियों ने पुष्टि की है कि कई प्रमुख सैन्य और लॉजिस्टिक केंद्रों पर हमले हुए हैं। कीव, खारकीव और ओडेसा जैसे शहरों में भीषण विस्फोटों की आवाजें सुनी गईं। कुछ क्षेत्रों में बिजली और इंटरनेट सेवाएं बाधित हो गई हैं।
अमेरिकी रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि रूस यह हमला ऐसे समय पर कर रहा है जब यूक्रेन को पश्चिमी देशों से मिलने वाली मदद में कुछ हद तक कमी देखी जा रही है। हमले का उद्देश्य यूक्रेनी सैन्य क्षमता को कमजोर करना और मनोवैज्ञानिक दबाव बनाना हो सकता है।
इस हमले में जिन हथियारों और सैन्य गोदामों को निशाना बनाया गया, उनमें अधिकांश अमेरिका द्वारा दिए गए रॉकेट सिस्टम, ड्रोन और मिसाइल लॉंचर थे। हालांकि यूक्रेन ने भी जवाबी कार्रवाई में कुछ रूसी ड्रोन और मिसाइलों को मार गिराने का दावा किया है।
इस हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय में फिर से चिंता बढ़ गई है। संयुक्त राष्ट्र और नाटो ने रूस से संयम बरतने की अपील की है। आने वाले दिनों में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि यूक्रेन और उसके सहयोगी देश इस स्थिति से कैसे निपटते हैं।
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