
Up Kiran, Digital Desk: अमेरिका द्वारा भारतीय उत्पादों पर लगाए जा रहे संभावित टैरिफ (tariffs) और व्यापारिक बाधाओं के बीच, रूस ने भारत के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर का संकेत दिया है। एक रूसी अधिकारी के बयान के अनुसार, यदि भारत को अमेरिकी बाज़ार में प्रवेश करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, तो रूस भारतीय सामानों का "स्वागत करेगा"। यह बयान भारत-रूस के बीच आर्थिक सहयोग (economic cooperation) को और मजबूत करने की संभावनाओं को उजागर करता है।
क्या है पूरा मामला?
यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंध में कुछ तनाव बना हुआ है। अमेरिकी सरकार द्वारा विभिन्न भारतीय उत्पादों पर अतिरिक्त आयात शुल्क (additional import duties) लगाए जाने की आशंकाएं हैं, जिसका भारतीय निर्यात पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
इस पृष्ठभूमि में, रूसी अधिकारी का यह कथन भारत के लिए एक सकारात्मक संकेत है। यह दर्शाता है कि रूस, भारत के साथ अपने व्यापारिक संबंधों (trade relations) को और गहरा करने के लिए तैयार है, खासकर ऐसे समय में जब भारत को पश्चिमी बाज़ारों में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा हो।
भारत-रूस व्यापार के लिए नया अवसर:
यदि अमेरिकी बाज़ार में भारतीय सामानों की पहुँच सीमित होती है, तो रूस एक बड़े और खुले बाज़ार के रूप में भारत के लिए एक महत्वपूर्ण विकल्प बन सकता है। रूस पहले से ही भारत को ऊर्जा (energy), रक्षा उपकरण (defense equipment), और अन्य आवश्यक वस्तुओं का एक प्रमुख आपूर्तिकर्ता है। भारतीय उत्पादों, विशेष रूप से कपड़ा (textiles), फार्मास्यूटिकल्स (pharmaceuticals), कृषि उत्पाद (agricultural products), और इंजीनियरिंग सामान (engineering goods) के लिए रूस में नई मांग पैदा हो सकती है।
यह सहयोग दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी (strategic partnership) को और मजबूत करेगा और वैश्विक व्यापार में एक नया संतुलन ला सकता है।
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