यूपी की महराजगंज जिला जेल में बंद सपा एमएलए इरफान सोलंकी के विरूद्ध आठ मामलों में चार्जशीट दाखिल हो चुकी है, मगर इरफान सोलंकी के हस्ताक्षर अभी भी रहस्य बने हुए। इस पूरे मामले को लेकर निरंतर पुलिस की जांच जारी है तो अलग। हस्ताक्षर तीन तरीके से लिए जाते हैं। एक वह हिस्सा ले जाते हैं जो उन्होंने अपने कागजातों में किए होते हैं।
सरकारी कागजातों में अपने किसी फॉर्म को फिलअप करने में या फिर जो कही गई वह सभी अप्लीकेशन फाइल करते हैं या अप्लीकेशन दाखिल करते हैं। उनमें उन हस्ताक्षरों का मिलान, उनके सरकारी कागजों के मिलान और जो सैंपल इस समय आज की डेट में देते हैं, उससे मिलान किया जाता है। उनसे मिलान नहीं करता तो यह माना जाता है कि अब जो हस्ताक्षर किए गए हैं, वह सही नहीं हैं।
महराजगंज जिला जेल में बंद सपा विधायक इरफान सोलंकी के हस्ताक्षर का रहस्य भी गहराता जा रहा है। बांग्लादेशी नागरिक की नागरिकता प्रमाणित करने के लिए उन्होंने जिन कागजातों पर हस्ताक्षर किए थे, उनके हस्ताक्षर उससे मेल नहीं खाए। जिसके चलते उन्हें पुलिस ने राहत भी दी। मगर हैरानी की बात यह है कि सपा विधायक इरफान सोलंकी के जेल में जो नमूना हस्ताक्षर लिए गए थे, उनके दूसरे सरकारी विभागों में किए गए हस्ताक्षर भी मेल नहीं खा रहे हैं।
ऐसे में सवाल यह उठता है कि सपा विधायक इरफान सोलंकी कितने तरीके से हस्ताक्षर करते थे। अगर वे अलग अलग हस्ताक्षर करते थे तो इन हस्ताक्षर को करने की जरूरत क्या थी? क्या इरफान सोलंकी जालसाजी करने के लिए अलग अलग दस्तखत बनाते थे? यह पुलिस की जांच का विषय है। बहरहाल, पुलिस ने इस बात को माना है कि उनके जेल में लिए गए हस्ताक्षर उनके सरकारी विभागों में कागजातों पर किए गए हस्ताक्षरों से मेल नहीं खाते।
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