सैम ने ओवरसीज कांग्रेस चेयरमैन पद से दिया इस्तीफा, बीजेपी के निशाने पर थे पित्रोदा

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नई दिल्ली। इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के चेयरमैन सैम पित्रोदा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उनके इस्तीफे को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने तत्काल स्वीकार भी कर लिया है। सैम पित्रोदा भारत की विविधता को लेकर दिए गए अपने हालिया बयान पर बीजेपी के निशाने पर थे। पीएम मोदी ने उनके बयान को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर करारा हमला किया है। हालांकि कांग्रेसने सैम पित्रोदा के बयान को उनका निजी बयान बताते हुए खुद को अलग कर लिया था।

दरअसल, सैम पित्रोदा ने एक अंग्रेजी अखबार को दिए एक साक्षात्कार में भारत की विविधता पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि हम बीते 75 साल से एक ऐसे माहौल में रह रहे हैं। यदि कुछ छिटपुट झगड़ों को छोड़ दिया जाए तो हम खुशनुमा माहौल में एक साथ रह रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि जहां पूरब के लोग चीनियों जैसे दिखते हैं तो पश्चिम के लोग अरब जैसे, उत्तर के लोग शायद गोरों जैसे तो दक्षिण के लोग अफ्रीकियों जैसे दीखते हैं। इन सबसे कोई फर्क नहीं पड़ता। हम सब भाई जैसे हैं।

पित्रोदा के इसी बयान को लेकर पीएम मोदी समेत पूरी बीजेपी कांग्रेस पर हमलावर हो गयी। पीएम मोदी ने कहा कि ये शब्द भले सैम पित्रोदा के हों लेकिन सोच राहुल गांधी की है। पीएम मोदी ने तेलंगाना के वारंगल में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि शहजादे के फिलॉस्फर और गाइड अंकल ने बड़ा रहस्य खोला है। देश के अनेक लोगों को चमड़ी के रंग के आधार पर उन्होंने इतनी बड़ी गाली दी है।

पित्रोदा के बयान पर मचे हंगामे के बीच कांग्रेस पार्टी ने साफ किया कि उसका उनके इस बयान से कोई लेना देना नहीं है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने पर एक पोस्ट में लिखा कि सैम पित्रोदा द्वारा भारत की विविधताओं को जो उपमाएं दी गई हैं, वह अत्यंत ग़लत व अस्वीकार्य हैं। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस इन उपमाओं से अपने-आप को पूर्ण रूप से अलग करती है।

गौरतलब है कि सत्यनारायण गंगाराम पित्रोदा उर्फ़ सैम पित्रोदा एक बड़े आर्थिक चिंतक होने के साथ ही तकनीक और सूचना के क्षेत्र में खासा दखल रखते हैं। 80 के दशक में राजीव गांधी की पहल पर पित्रोदा ने टेलीकॉम सेक्टर में रिसर्च के लिए सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टैलिमैटिक्स की नींव रखी थी। राजीव गांधी ने उन्हें भारत में टेलीकॉम पॉलिसी का आधार रखने की जिम्मेदारी भी दी थी। इसके अलावा पित्रोदा यूपीए सरकार के वक्त भी अहम पदों पर रहे हैं और राहुल गांधी के करीबी माने जाते हैं। 

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