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sambhal violence case: यूपी के संभल में 24 नवंबर को जामा मस्जिद में न्यायालय द्वारा आदेशित सर्वे के दौरान हुई हिंसा के बारे में एक एफआईआर सामने आई है। इस एफआईआर में कहा गया है कि एक भारी भीड़ ने पुलिस टीम पर सुनियोजित तरीके से हमला किया। दंगाइयों ने पुलिस के हथियार छीनने की कोशिश की, उनकी गाड़ियों में आग लगा दी और सीसीटीवी कैमरे तोड़ दिए। भीड़ ने पुलिस से कहा कि किसी भी अफसर को भागने नहीं दिया जाना चाहिए और सर्वे का विरोध किया।

पुलिस ने भीड़ को समझाने की कोशिश की और उन्हें बताया कि बिना अनुमति के पांच से अधिक व्यक्तियों का एकत्र होना अवैध है, लेकिन भीड़ ने उनकी बात नहीं मानी और हिंसक हो गई।

एफआईआर में गुलबुद्दीन हिकमतयार, सुल्तान आरिफ, हसन, मुन्ना, फैजान और समद को संदिग्ध के तौर पर नामित किया गया है, साथ ही 150-200 अज्ञात लोगों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है। ये घटना उस वक्त हुई जब सर्वे टीम मस्जिद के अंदर थी और बाहर तैनात पुलिस पर पत्थर फेंके जा रहे थे।

आपको बता दें कि जिया उर रहमान के खिलाफ विवादित बयान देने को लेकर भी केस दर्ज किया गया है। इसके लिए उनके 22 नवंबर को दिए गए भाषण को बेस बनाया गया है। उनके बयान को भड़काऊ बताते हुए 24 नवंबर को हुई दंगे का कारण बताया गया है।

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