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Up Kiran, Digital Desk: श्री रामस्वरूप मेमोरियल विश्वविद्यालय (SRMU) इन दिनों विवादों के केंद्र में है। अवैध रूप से कानून पाठ्यक्रम संचालित करने और सरकारी ज़मीन कब्जाने के आरोपों ने विश्वविद्यालय की साख पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। इन मामलों को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के छात्रों ने जब विरोध किया तो पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज कर दिया। इस घटना के बाद कैंपस में तनाव और बढ़ गया।

बिना मान्यता चल रहा LLB कोर्स

उत्तर प्रदेश राज्य उच्च शिक्षा परिषद के अपर सचिव डॉ. दिनेश सिंह ने जानकारी दी कि SRMU ने शैक्षणिक वर्ष 2023-24 और 2024-25 के दौरान बिना मान्यता के LLB की कक्षाएं चलाईं। विश्वविद्यालय के पास न तो विधि संकाय चलाने की स्वीकृति थी और न ही किसी नियामक संस्था की अनुमति। इसके बावजूद, एडमिशन से लेकर परीक्षाएं तक कराई गईं।

अयोध्या मंडलायुक्त की जांच रिपोर्ट ने भी इस बात की पुष्टि की कि विश्वविद्यालय को कानूनी शिक्षा के लिए कोई वैध स्वीकृति प्राप्त नहीं थी।

सरकारी ज़मीन पर कब्जे का आरोप

एक अलग जांच में सामने आया कि विश्वविद्यालय ने करीब 6 बीघा सरकारी ज़मीन को अवैध रूप से अपने परिसर में शामिल कर लिया है। इस ज़मीन में जल निकासी, चकमार्ग, बंजर भूमि और तालाब जैसी संपत्तियां शामिल हैं, जिन्हें सार्वजनिक संपत्ति के तौर पर चिह्नित किया गया है।

25 अगस्त को स्थानीय तहसील कोर्ट ने विश्वविद्यालय पर 27.96 लाख रुपये का जुर्माना लगाया और अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए। कार्रवाई के लिए 30 दिन की समयसीमा तय की गई है। अगर विश्वविद्यालय आदेश का पालन नहीं करता तो प्रशासन बुलडोजर कार्रवाई कर सकता है।

छात्रों पर लाठीचार्ज, गहराया विवाद

तीन दिन पहले ABVP कार्यकर्ताओं ने अवैध कोर्स के विरोध में प्रदर्शन किया। आरोप है कि विश्वविद्यालय प्रबंधन के दबाव में पुलिस ने छात्रों पर अत्यधिक बल प्रयोग किया, जिससे कई छात्र घायल हो गए। इस लाठीचार्ज ने विवाद को और गंभीर बना दिया।

राजनीतिक और सामाजिक संगठनों की प्रतिक्रिया

भारतीय किसान यूनियन और अन्य स्थानीय संगठन लंबे समय से SRMU द्वारा ज़मीन कब्जे की शिकायतें कर रहे थे। अब जब प्रशासन की रिपोर्टें और कोर्ट के आदेश सामने आए हैं, तो जन आक्रोश भी तेज़ हो गया है। लोगों की मांग है कि विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

SRMU का पक्ष

विश्वविद्यालय की रजिस्ट्रार डॉ. नीरजा जिंदल ने इन आरोपों से इनकार किया है। उनका कहना है कि SRMU को न तो अतिक्रमण से जुड़ा कोई आधिकारिक नोटिस मिला है, न ही उन्हें परिसर में किसी सरकारी ज़मीन की जानकारी है।

जिला प्रशासन तैयार, कार्रवाई तय

नवाबगंज के एसडीएम आनंद तिवारी ने स्पष्ट किया कि भूमि सर्वेक्षण में अतिक्रमण की पुष्टि हुई है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय को चेतावनी और जुर्माना दोनों दिए जा चुके हैं। अगर तय समयसीमा में आदेश का पालन नहीं हुआ, तो प्रशासन अगला कदम उठाएगा।