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traffic rules: बेंगलुरु के एक व्यापारी कर्णवीर मुंद्रे ने एक्स पर कुछ तस्वीरें साझा कीं, जिसमें दिखाया गया कि कैसे स्कूली बच्चे भारी सामान से लदे ऑटो रिक्शा में सवार होकर स्कूल जाते हैं और वापस घर आते हैं, जिससे उनकी जान जोखिम में पड़ जाती है। ऑनलाइन पोस्ट की गई तस्वीरों में दिखाया गया है कि कैसे तीन पहिया वाहन पर चार से ज्यादा यात्री सवार थे, जबकि कानूनी परमिट के अनुसार सिर्फ़ तीन और एक ड्राइवर ही थे।

युवक ने शहर में एक ओवरलोडेड ऑटो रिक्शा पर यात्रा कर रहे इन बच्चों की तस्वीरें साझा करते हुए सुरक्षा के सवाल उठाए। उन्होंने बताया कि कार और बाइकर्स क्रमशः सीट बेल्ट और हेलमेट न पहनने के लिए जुर्माना लगाते हैं और पूछा कि क्या बच्चों को स्कूल ले जाने वाले इन तिपहिया वाहनों की कोई जाँच नहीं की जाती है। "कृपया मुझे यह समझाने में मदद करें कि शहर की सड़कों पर इसकी अनुमति कैसे है? यह कैसे सुरक्षित है," उन्होंने भीड़भाड़ वाले परिवहन की तस्वीरों को कैप्शन दिया और मामले की जाँच करने के लिए बेंगलुरु ट्रैफ़िक पुलिस को टैग किया।

शहर की पुलिस ने एक्स द्वारा साझा की गई चिंता को स्वीकार किया और उससे सटीक स्थान की डिटेल मांगी। मुंद्रे ने बताया कि तस्वीरें नंदीदुर्ग रोड पर गुलाबी हाई स्कूल के आसपास सामने आईं, मगर कई बच्चों को ऑटो रिक्शा में लादने का दृश्य पूरे बेंगलुरु में स्पष्ट था।

एक यूजर ने लिखा कि "माता-पिता अपने बच्चों के जीवन के लिए जिम्मेदार हैं। हमें सरकार के प्रवर्तन पर सवाल उठाना बंद कर देना चाहिए।"

बता दें कि सिर्फ बेंगलुरु में नहीं बल्कि भारत कई राज्यों में ऐसे रोजाना दृश्य देखने को मिलते हैं। 
 

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