
Up Kiran, Digital Desk: राजधानी दिल्ली इन दिनों एक बड़े खतरे का सामना करने की तैयारी में जुटी है – वह है किसी संभावित आतंकी हमले से निपटने की क्षमता को परखना। इसी कड़ी में, शहर में सुरक्षा एजेंसियों द्वारा दो दिवसीय 'महा-अभ्यास' का आयोजन किया जा रहा है, जिसका मुख्य उद्देश्य आपातकालीन स्थितियों में उनकी तत्परता और समन्वय का आकलन करना है।
इस मॉक ड्रिल का मुख्य लक्ष्य विभिन्न सुरक्षा और बचाव एजेंसियों के बीच समन्वय, तत्परता और त्वरित प्रतिक्रिया क्षमताओं का आकलन करना है। यह देखा जाएगा कि आपातकालीन स्थिति में सभी विभाग कितनी तेजी और कुशलता से एक साथ काम कर सकते हैं।
इस 'महा-अभ्यास' में दिल्ली पुलिस, विभिन्न अर्धसैनिक बल, राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG), अग्निशमन विभाग, शहर के प्रमुख अस्पताल, दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC), राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, स्वास्थ्य विभाग और नागरिक सुरक्षा सहित कई महत्वपूर्ण एजेंसियां हिस्सा ले रही हैं।
जानकारी के अनुसार, इस ड्रिल में एक आतंकी हमले की काल्पनिक स्थिति का अनुकरण किया जाएगा। इसमें बंधक बनाने, गोलीबारी, बम धमाके और रासायनिक हमले जैसे विभिन्न परिदृश्य शामिल हो सकते हैं।
अधिकारियों का कहना है कि इसका मकसद सिर्फ तैयारी की जांच करना ही नहीं, बल्कि किसी भी कमजोर कड़ी को पहचानना और उसे मजबूत करना भी है, ताकि भविष्य में वास्तविक आपातकाल के दौरान कोई चूक न हो।
दिल्ली जैसे बड़े और संवेदनशील शहर के लिए ऐसी मॉक ड्रिल बेहद महत्वपूर्ण हैं। यह सुनिश्चित करता है कि सुरक्षा तंत्र हमेशा अलर्ट पर रहे और किसी भी अप्रत्याशित खतरे का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार हो। यह अभ्यास दिल्ली को और सुरक्षित बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
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