
Up Kiran, Digital Desk: शिवसेना (UBT) ने बिहार में शुरू की गई 'मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना' की कड़ी आलोचना की है। पार्टी ने आरोप लगाया है कि यह योजना राज्य विधानसभा चुनाव से पहले "वोटरों को रिश्वत देने की स्कीम" के अलावा और कुछ नहीं है।
पार्टी के मुखपत्र 'सामना' में छपे एक संपादकीय में, ठाकरे गुट ने 75 लाख महिलाओं के बैंक खातों में 10,000 रुपये (कुल 7,500 करोड़ रुपये) ट्रांसफर करने के लिए भाजपा पर निशाना साधा है। इसे पैसे के दम पर वोटरों को लुभाने की कोशिश बताया गया है।
संपादकीय में कहा गया है कि चुनाव आयोग और सुप्रीम कोर्ट दोनों ने इस तरह के मामलों पर आंखें मूंद रखी हैं। "हर भारतीय को इस वोटर रिश्वत योजना की निंदा करनी चाहिए। इसने चुनावों की पारदर्शिता और निष्पक्षता पर संदेह खड़ा कर दिया है। भारतीय मतदाताओं को इस तरह खरीदकर लोकतंत्र पर कब्जा करना चौंकाने वाला है।"
ठाकरे गुट ने चुनाव आयोग पर "बेशर्म" होने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट के साथ मिलकर संवैधानिक पदों पर बैठकर भाजपा की सेवा कर रहा है।
संपादकीय में यह भी आरोप लगाया गया, "अगर ये संवैधानिक संस्थाएं भाजपा की 'शाखाओं' की तरह काम कर रही हैं, तो देश में चुनाव सिर्फ एक दिखावा है। भाजपा और नीतीश कुमार का गठबंधन चुनाव जीतने को लेकर आश्वस्त लग रहा था, लेकिन राहुल गांधी ने हरियाणा और महाराष्ट्र की तरह बिहार में भी वोट चोरी का आरोप लगाकर उनकी योजनाओं पर पानी फेर दिया। इसलिए, प्रधानमंत्री मोदी ने सरकारी खजाने का इस्तेमाल कर वोट खरीदने की योजना बनाई है।"
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने आगे दावा किया कि लोगों के टैक्स के पैसे से दी गई यह रिश्वत एक "आर्थिक अपराध" है, लेकिन शासकों का कहना है कि इस योजना से मिली मदद से महिलाएं उद्योग और व्यवसाय स्थापित कर सकेंगी।
'सामना' के अनुसार, "बिहार में अगले दो महीनों में चुनाव होंगे। चुनाव की घोषणा से कुछ दिन पहले वोट खरीदने के लिए यह 'रिश्वत' दी गई। प्रधानमंत्री मोदी खुद भारतीय मतदाताओं को पैसे के लिए वोट करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। चुनाव आयोग को इस पर गंभीर ध्यान देना चाहिए था।"
संपादकीय में महाराष्ट्र का उदाहरण भी दिया गया, जहां विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा और सहयोगियों ने 'लाड़की बहिन योजना' शुरू की और महिलाओं के खातों में 1500 रुपये जमा करके वोट खरीदे। इस योजना के कारण, महाराष्ट्र की वित्तीय स्थिति खराब हो गई है और मराठवाड़ा में बाढ़ प्रभावित किसानों की मदद के लिए राज्य के खजाने में एक पैसा भी नहीं बचा है।
'सामना' ने सवाल उठाया, "अब यही खेल बिहार में भी चल रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को रोजगार देने के लिए पीएम मोदी ने 75 लाख महिलाओं के खातों में 10,000 रुपये जमा किए। 10,000 रुपये से ग्रामीण इलाकों में किस तरह का उद्योग और रोजगार बनाया जा सकता है?"
ठाकरे गुट ने आरोप लगाया कि यह योजना इसलिए लाई गई ताकि बिहार में लगभग एक करोड़ महिलाएं भाजपा को वोट दें। यह सरकारी खजाने की लूट है और प्रधानमंत्री द्वारा किया गया यह लेन-देन एक आर्थिक अपराध है।