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कर्नाटक के शिवमोगा जिले में सीईटी परीक्षा के दौरान छात्रों से उनके धार्मिक प्रतीकों – जनेऊ और रक्षा सूत्र – को जबरन हटवाने की घटना सामने आई है। इस पर अब बड़ा कदम उठाते हुए संबंधित परीक्षा अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी गई है। यह मामला शरावतिनगर स्थित आदिचुंचनगिरी स्कूल का है, जहां कर्नाटक कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (CET) के दौरान यह विवाद खड़ा हुआ।

पुलिस में दर्ज हुआ मामला

इस घटना को लेकर नटराज भगवत नामक व्यक्ति ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस ने बीएनएस, 2023 की धारा 115(2), 299, 351(1), 352 और धारा 3(5) के तहत केस दर्ज कर लिया है। पुलिस जांच कर रही है कि किस आधार पर छात्रों से धार्मिक प्रतीकों को हटाने के निर्देश दिए गए थे, और इसके पीछे किन अधिकारियों की भूमिका थी।

उच्च शिक्षा मंत्री का बयान

इस मुद्दे पर कर्नाटक के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. एमसी सुधाकर का भी बयान सामने आया है। उन्होंने इसे बेहद दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए बताया कि सिर्फ शिवमोगा ही नहीं, बीदर जिले से भी इस तरह की शिकायतें आई हैं। मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य के बाकी केंद्रों पर परीक्षा प्रक्रिया सामान्य रूप से संपन्न हुई।

बीदर में भी दोहराई गई घटना

डॉ. सुधाकर ने एक समाचार एजेंसी से बातचीत में कहा, "ऐसी घटनाएं राज्य के सिर्फ दो केंद्रों पर हुई हैं – शिवमोगा और बीदर। बाकी सभी जगह परीक्षा बिना किसी परेशानी के संपन्न हुई। सुरक्षा जांच या किसी अन्य प्रोटोकॉल के नाम पर किसी को भी धार्मिक प्रतीकों को हटाने का निर्देश नहीं दिया गया था।"

उन्होंने आगे कहा, "हम सभी धर्मों और मान्यताओं का सम्मान करते हैं। इस तरह की घटनाओं को हम किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।"

परीक्षा से रोके गए छात्र

बताया जा रहा है कि सीईटी परीक्षा देने पहुंचे तीन छात्रों को इसलिए रोक लिया गया क्योंकि उन्होंने जनेऊ और हाथों में रक्षा सूत्र पहना हुआ था। गेट पर तैनात गार्ड ने दो छात्रों को यह धार्मिक प्रतीक उतारने पर मजबूर कर दिया। वहीं, एक छात्र ने जब जनेऊ उतारने से मना किया, तो उसे परीक्षा केंद्र के बाहर करीब 15 मिनट तक बैठा कर रखा गया। बाद में उसे जनेऊ पहनकर परीक्षा देने की अनुमति दी गई, लेकिन उसके हाथों से रक्षा सूत्र उतरवा कर फेंक दिया गया।

छात्र का बयान और पारिवारिक प्रतिक्रिया

पीड़ित छात्र के मामा ने बताया, "मेरा भांजा सीईटी परीक्षा के लिए आदि चुनचुनगिरी पीयू कॉलेज गया था। वहां गार्ड ने उसे जनेऊ और कलावा उतारने को कहा। जब उसने इनकार किया, तो उसे करीब 15 मिनट तक परीक्षा केंद्र के बाहर बिठा कर रखा गया। अंत में उसे परीक्षा में बैठने की इजाजत दी गई लेकिन कलावा उतरवाकर डस्टबिन में फेंक दिया गया।"

स्थानीय संगठनों का विरोध प्रदर्शन

घटना की जानकारी जैसे ही स्थानीय लोगों और संगठनों को मिली, गुस्सा फूट पड़ा। ब्राह्मण संगठनों के सदस्य स्कूल के गेट पर पहुंच गए और वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों से तीखे सवाल-जवाब किए। बाद में पुलिस मौके पर पहुंची और प्रदर्शन कर रहे लोगों को समझा-बुझाकर वहां से हटाया।

यह घटना न सिर्फ छात्रों के अधिकारों का हनन है, बल्कि धार्मिक स्वतंत्रता के संवैधानिक अधिकारों पर भी सवाल खड़े करती है। मामले की जांच जारी है और सभी की नजरें इस पर टिकी हैं कि आखिर दोषियों पर क्या कार्रवाई होती है।

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