सावन के आखिरी सोमवार को नामी बृज मंडल शोभायात्रा को निकलने नहीं दिया गया। एक खुफिया रिपोर्ट के अनुसार यात्रा को निकलने नहीं देने के कारणों के बारे में खुलासा किया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार यात्रा निकलने के दौरान स्थिति बिगड़ने के आसार थे, जिसका असर सितंबर के पहले सप्ताह में आयोजित होने वाली समिट पर पड़ सकता था। रिपोर्ट में बताया गया कि इसी कारण से बृज मंडल शोभायात्रा निकालने के लिए मंजूरी नहीं दी गई और जलाभिषेक की इजाजत देकर किसी तरीके से मामले को शांत करवाया गया।
मीडिया रिपोर्ट और पुलिस सूत्रों की मानें तो नूंह में पुलिस अधीक्षक नरेंद्र बिजारनियां ने जिला प्रशासन को 22 अगस्त को एक रिपोर्ट सौंपी थी। इसमें यात्रा की अनुमति नहीं दिए जाने के कारण बताए गए थे। उपायुक्त दिनेश खड़गटा को नूंह हिंसा में अभी तक दर्ज एफआईआर के साथ गिरफ्तार आरोपियों के बयान की कॉपी भी सौंपी गई थी। इसमें बताया गया था कि पुलिस हिंसा की जांच में कहां तक पहुंची है। उनका कहना था कि वो हिंसा के मास्टमाइंड के काफी करीब है।
पुलिस के अनुसार नूंह हिंसा में पुलिस ने अब तक 61 मुकदमे दर्ज किए हैं। 292 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने के मामले में भी 11 मुकदमे दर्ज किए गए हैं और एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। बताया जा रहा है कि पुलिस अरेस्ट आरोपियों से पूछताछ कर मास्टरमाइंड की जानकारी जुटा रही है।
सूत्रों की मानें तो एसपी की रिपोर्ट में ये भी बताया गया कि स्थानीय लोगों में मोनो मानेसर को लेकर गुस्सा है। उसकी गिरफ्तारी नहीं होने से लोगों में रोष है। बजरंगी की गिरफ्तारी को लोग ज्यादा तवज्जो नहीं दे रहे हैं। सुरक्षा के मद्देनजर सोमवार को गुरुग्राम पुलिस ने विहिप, संघ समेत अन्य हिंदू संगठनों से जुड़े कई लोगों को नजरबंद रखा। उन्हें घर से बाहर जाने की इजाजत नहीं थी। इससे पहले पुलिस ने नोटिस भी जारी किया, जिसमें लिखा गया कि 31 जुलाई को नूंह हिंसा के मद्दे नजर आप ना तो ब्रज मंडल यात्रा में शामिल होंगे और ना ही किसी को इसके बारे में बताएंगे।
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