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gram kachahari in bihar: भारत सरकार ने ग्राम कचहरी की स्थापना को एक बड़ा कदम माना था, जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में न्याय की गति को बढ़ाना और न्याय के बोध को लोगों तक पहुंचाना था। अभी तक ये सपना पूरी तरह से साकार नहीं हो पाया है। इस स्थिति के पीछे जिम्मेदार ठहेराए जा रहे हैं वे सभी लोग जिनके कंधों पर ग्राम कचहरी के संचालन का भार है, मगर जिनकी इच्छा शक्ति और प्रशासनिक तत्परता इस लक्ष्य को हासिल करने में कमी साबित हुई है।

इसके अलावा पुलिस विभाग भी आलोचना का शिकार रहा है। अक्सर देखा गया है कि थाना पुलिस कुछ ऐसे मामलों को अपने पास दर्ज कर लेती है, जो ग्राम कचहरी के दायरे में आते हैं। यही कारण है कि कचहरी में सुनवाई के लिए पर्याप्त मामले नहीं होते, जबकि थाने और अदालतें मुकदमों के बोझ से दबे हुए हैं। इस स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार अब गंभीर कदम उठाने की ओर अग्रसर हो रही है और ग्राम कचहरी के संचालन को सुनिश्चित करने के प्रयासों में जुटी है।

करोड़ों खर्च करने पर भी आवाम को फायदा नहीं

ग्रामीण क्षेत्र की कचहरियों की स्थिति पर गौर करें तो ये स्पष्ट होता है कि बहुत सी कचहरियाँ सालों भर में बहुत कम मामलों पर सुनवाई करती हैं। उदाहरण के लिए कई ग्राम कचहरियों में पूरे साल में 10 से भी कम मामलों पर सुनवाई होती है। इसके बावजूद सरकार को इन कचहरियों पर लाखों रुपये खर्च करने पड़ते हैं। कचहरी से आवाम को अपेक्षित लाभ नहीं मिल पा रहा है और सरकार का धन व्यर्थ खर्च हो रहा है।

विशेषज्ञों का मानना है कि ग्राम कचहरी का लाभ आम जनता को बहुत कम होता है, जबकि इन कचहरियों के संचालन पर हर साल करोड़ों रुपये खर्च किए जाते हैं। अब सरकार ने इस स्थिति को संज्ञान में लिया है और कचहरी के संचालन को सही दिशा में लाने के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं।

राज्य सरकार ने अब सभी जिलों को निर्देश भेजे हैं, जिनके तहत ग्राम कचहरी को हर मंगलवार और शुक्रवार को चलाने का आदेश दिया गया है। इसके साथ ही पंचायती राज विभाग ने जिलाधिकारी और डीपीआरओ को विस्तृत निर्देश जारी किए हैं, जिनमें भारतीय न्याय संहिता के तहत ग्राम कचहरी में सुनवाई की प्रक्रिया को लागू करने का निर्देश दिया गया है।

सूबे की 8053 ग्राम कचहरियों को भारतीय न्याय संहिता के तहत कुल 40 धाराओं में सुनवाई करने का अधिकार दिया गया है। इस कदम का उद्देश्य यह है कि देश में लागू हो चुके नए कानूनों को ग्राम कचहरियों में भी पूरी तरह से लागू किया जाए। हालांकि, पहले इन कचहरियों को भारतीय न्याय संहिता के तहत काम करने का निर्देश दिया गया था, मगर उचित कार्यवाही नहीं हो पाई थी। अब, इस दिशा में गंभीर कदम उठाए गए हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कचहरी का सही संचालन हो।

नई धाराओं के तहत होने वाली सुनवाई पर एक नजर

ग्राम कचहरियों में अब से कुछ विशेष अपराधों के मामले भी सुनवाई के लिए आएंगे। भारतीय दंड संहिता (IPC) की विभिन्न धाराओं में अपराधों की सुनवाई अब ग्राम कचहरियों में की जा सकेगी। इनमें अश्लील कार्य, बल का प्रयोग, गलत तरीके से किसी को रोकना, शराब की दुकानों से संबंधित मामले, और अन्य कई प्रकार के आपराधिक मामलों को शामिल किया गया है।

कचहरी में सुनवाई योग्य अपराधों में IPC की 140, 142, 143, 144, 145, 147, 151, 153, 160, 172, 174, 178, 179, 269, 277, 283, 285, 286, 289, 290, 294, 294(ए), 332, 334, 336, 341, 352, 356, 357, 374, 403, 426, 428, 430, 447, 448, 502, 504, 506, और 510 की धाराओं में किए गए अपराधों के मामलों पर सुनवाई और निर्णय लिया जाएगा।