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Up Kiran, Digital Desk: कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद को लेकर कांग्रेस पार्टी के भीतर मचे घमासान के बीच, पार्टी आलाकमान ने अब इस मुद्दे में दखल देने की तैयारी शुरू कर दी है। पहले जहां आलाकमान ने सत्ता हस्तांतरण पर कोई विशेष टिप्पणी नहीं की थी, वहीं अब उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के दबाव के कारण पार्टी केंद्रीय नेतृत्व को हस्तक्षेप करना पड़ रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी के बीच एक अहम बैठक 29 नवंबर को दिल्ली में होने वाली है, जिसमें मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार को भी बुलाए जाने की संभावना है।

क्या है सत्ता-साझाकरण का विवाद?

कर्नाटक में कांग्रेस सरकार के पांच साल के कार्यकाल का आधा समय बीत चुका है, और इस बीच सत्ता परिवर्तन को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं। सूत्रों का कहना है कि 2023 में सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बीच एक "सत्ता-साझाकरण" समझौते पर सहमति बनी थी, जिसे लेकर विवाद बढ़ गया है। शिवकुमार खेमे के नेता इस बात का दावा कर रहे हैं कि सिद्धारमैया को ढाई साल बाद मुख्यमंत्री पद छोड़ देना चाहिए, जैसा कि समझौते में तय किया गया था।

शिवकुमार के पक्ष में क्यों बढ़ रही है स्थिति?

डीके शिवकुमार के समर्थक राहुल गांधी से मिलने को एक सकारात्मक कदम मानते हैं। उनका कहना है कि इस बैठक में सत्ता-साझाकरण के मुद्दे पर चर्चा हो सकती है और दोनों नेता अपनी-अपनी बात रख सकते हैं। राहुल गांधी के सामने दोनों नेताओं को अपनी स्थिति स्पष्ट करनी होगी, और जो उन्हें समझाने में सफल होगा, उसे पार्टी आलाकमान का समर्थन मिल सकता है।

क्या कह रहे हैं सिद्धारमैया और उनके समर्थक?

वहीं, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने अपने करीबी नेताओं और वरिष्ठ मंत्रियों के साथ बैठक की, जिसमें इस बात पर विचार किया गया कि अगर दोनों नेताओं के बीच कोई समझौता नहीं हो पाता, तो क्या पार्टी तीसरे नेता की नियुक्ति पर विचार करेगी। सिद्धारमैया खेमे का मानना है कि मुख्यमंत्री पद छोड़ने का सवाल तब उठेगा जब आलाकमान इसे जरूरी समझेगा।

शिवकुमार खेमे की रणनीति

शिवकुमार खेमे को यह चिंता है कि सिद्धारमैया जैसे प्रभावशाली और जनाधार वाले नेता को हटाना आसान नहीं होगा। सूत्रों का कहना है कि शिवकुमार ने विधायकों से व्यक्तिगत रूप से संपर्क करना शुरू कर दिया है, ताकि उनका समर्थन जुटाया जा सके। इस रणनीति को आगामी 29 नवंबर की बैठक में अहम माना जा रहा है, जो कर्नाटक कांग्रेस के भविष्य के लिए निर्णायक हो सकती है।

खड़गे का बड़ा बयान: "हम इसे सुलझा लेंगे"

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस पूरे मुद्दे पर बयान देते हुए कहा कि वे दिल्ली में एक अहम बैठक बुलाएंगे, जिसमें राहुल गांधी, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार समेत अन्य वरिष्ठ नेता शामिल होंगे। खड़गे ने यह भी कहा कि इस बैठक में सभी नेताओं के साथ चर्चा के बाद ही यह तय किया जाएगा कि आगे क्या कदम उठाया जाएगा।

सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार दोनों ने कहा है कि अगर आलाकमान उन्हें दिल्ली बुलाएगा, तो वे इस बैठक में शामिल होंगे।