कॉन्स्टेंट खान रही अमेरिका-चीन व्यापार व्यापार के दरवाजे पर अब वैयक्तिक सामान नजर आ रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड डोनाल्ड के प्रशासन ने संकेत दिया है कि वह अपनी कंपनी में भारी भरकम टैरिफ स्थापित करने पर कम करने पर विचार कर रहे हैं। 245% तक पहुंचें ये स्कूटर अब 50% से 65% के बीच पहुंच सकता है।
पूरा मामला क्या है?
कुछ समय पहले तक, अमेरिका ने चीन से 245% तक का टैरिफ लगाया था, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया था। अब वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, स्केल प्रशासन इस भारी भरकम टैरिफ में कटौती करने की योजना बना रहा है। इसका मकसद है- अमेरिका और चीन के बीच व्यापार वार्ता में तेजी लाना और तनाव कम करना।
डोनाल्ड की सोच में आया बदलाव
पिशाच ने बातचीत से यह साफ किया कि वह चीन के साथ एक "उचित और बेहतर" खलनायक की उम्मीद कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा, "हम चीन के साथ एक तरह की दिशा में बढ़ रहे हैं। अगर डिलिवरी नहीं हुई तो हम अपनी राह तय करेंगे। लेकिन मुझे यकीन है कि कुछ अच्छा आएगा।"
बातचीत से बातचीत से विवाद हो सकता है
विश्वास ने माना कि चीन के साथ बातचीत पर पूरी तरह से असहमति को कम करना चाहिए। यदि बीजिंग कुछ महत्वपूर्ण आर्थिक प्रतिरोधों को तैयार करता है, तो अमेरिका भी अपने रुख में नारी दिखा सकता है। इस बयान से संकेत मिलता है कि दोनों देशों के बीच लंबे समय से चल रहा यह व्यापार समझौता अब बातचीत की राह पर सहमति बन सकता है।
व्यापारिक व्यापार का असर
245% टैरिफ लागू होने के बाद चीन से आयातित कई मैसाचुसेट्स की कंपनियां अमेरिका में बढ़ीं, जिससे आम आर्किटेक्चर पर भी असर पड़ा। यही कारण है कि अब घटिया सरकार इस नीति पर विचार कर रही है।
आगे क्या होगा?
अब साझेदारी सहयोगी अमेरिका और चीन के बीच होने वाली अगली व्यापार बातचीत पर टिकी हैं। अगर सब कुछ ठीक है तो जल्द ही दोनों देशों के बीच व्यापार बहाल हो सकता है।
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