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Up Kiran, Digital Desk: राजस्थान में सीकर को फिर से संभाग और नीमकाथाना को जिला घोषित करने की मांग को लेकर जनआंदोलन ने तेज़ मोड़ ले लिया है। सीकर बार एसोसिएशन के नेतृत्व में चल रहे इस आंदोलन को 100 दिन पूरे हो चुके हैं और शुक्रवार को 'सीकर बंद' के आह्वान पर शहर पूरी तरह ठहर गया।

सुबह से ही बाज़ार बंद, सड़कें सुनसान और पुलिस का सख़्त पहरा देखा गया। व्यापारिक प्रतिष्ठानों के साथ-साथ कोचिंग सेंटरों और निजी संस्थानों ने भी अपने दरवाज़े बंद रखे। शहर की प्रमुख सड़कों पर रैलियां और नारेबाजी का दौर चलता रहा।

बंद को मिला व्यापक समर्थन

सीकर बंद को 36 से अधिक राजनीतिक, सामाजिक और छात्र संगठनों का समर्थन प्राप्त हुआ। लक्ष्मणगढ़ कस्बे में भी व्यापारियों ने दोपहर 12 बजे तक पूर्ण बंद रखा। हालांकि, मेडिकल स्टोर, अस्पताल, पेट्रोल पंप, खाद-बीज की दुकानें और डेयरी उत्पादों जैसी आवश्यक सेवाएं चालू रहीं।

धरना स्थल से वकीलों और आंदोलनकारी संगठनों ने आक्रोश रैली निकाली और रास्ते में खुले संस्थानों को स्वयं बंद करवाया। कई प्रतिष्ठानों ने समर्थन स्वरूप स्वतः ही अपने शटर गिरा दिए।

पुलिस की सख़्त चौकसी

संभावित तनाव को देखते हुए प्रशासन ने पूरे ज़िले में भारी पुलिस बल तैनात किया है। कोबरा टीम, सिग्मा बाइक दल और मोबाइल गश्त को अलग-अलग संवेदनशील स्थानों पर लगाया गया है। पुलिस ने बंद के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है।

 

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