
Up Kiran, Digital Desk: गाजा की धरती पर जारी तबाही और मानवीय संकट अब ऐसे मोड़ पर आ गया है, जहाँ दुनिया के कई देश खुलकर युद्धविराम की मांग कर रहे हैं। इसी कड़ी में अब ब्रिटेन (यूनाइटेड किंगडम) और कनाडा जैसे महत्वपूर्ण देश भी शामिल हो गए हैं। उनकी यह अपील ऐसे समय में आई है जब गाजा में हालात हर दिन बद से बदतर होते जा रहे हैं और आम लोगों का जीवन नरक बन गया है।
मानवीय संकट की भयावहता: गाजा में हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि हजारों बेगुनाह जानें जा चुकी हैं, लाखों लोग बेघर हो गए हैं और भूख-प्यास जैसी मूलभूत ज़रूरतें भी पूरी नहीं हो पा रही हैं। अस्पताल ध्वस्त हो गए हैं, पीने का पानी दूषित हो गया है और भोजन की भयंकर कमी है। बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों को सबसे ज़्यादा मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। यह सिर्फ सैन्य संघर्ष नहीं, बल्कि एक भयानक मानवीय त्रासदी बन चुका है जहाँ लोगों को जीने के लिए हर दिन संघर्ष करना पड़ रहा है।
यूके और कनाडा का स्पष्ट आह्वान: ब्रिटेन और कनाडा ने अब साफ कर दिया है कि गाजा में तत्काल और स्थायी युद्धविराम की ज़रूरत है। उन्होंने सभी पक्षों से संयम बरतने और मानवीय सहायता के लिए सुरक्षित मार्ग सुनिश्चित करने की अपील की है। उनका कहना है कि नागरिक जीवन की सुरक्षा सर्वोपरि है और किसी भी संघर्ष में अंतरराष्ट्रीय कानून और मानवीय सिद्धांतों का पालन किया जाना चाहिए।
इन देशों का यह कदम वैश्विक दबाव को और बढ़ाएगा, जिसका मकसद इस विनाशकारी संघर्ष को रोकना है। पहले से ही संयुक्त राष्ट्र और कई अन्य देशों द्वारा युद्धविराम की मांग की जा रही थी। अब यूके और कनाडा जैसे पश्चिमी देशों का इस मांग में शामिल होना दर्शाता है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस संकट को लेकर कितना चिंतित है और वे गाजा के लोगों को तत्काल राहत पहुंचाना चाहते हैं।
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