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Up Kiran, Digital News: भारत-पाकिस्तान के बीच सीमा पर तनाव और हालिया सीज़फायर घोषणा के बीच एक चौंकाने वाली घटना ने सोशल मीडिया पर सनसनी फैला दी है। विदेश सचिव विक्रम मिसरी, जो वर्तमान में दोनों देशों के बीच संवाद के प्रमुख सूत्रधार हैं, ट्रोलर्स के निशाने पर आ गए हैं। हालात इतने बिगड़ गए कि उन्हें अपना एक्स (पूर्व ट्विटर) अकाउंट अस्थायी रूप से बंद करना पड़ा।

1989 बैच के वरिष्ठ आईएफएस अधिकारी मिसरी, अपनी ज़िम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए सूचनाएं सार्वजनिक तक पहुँचा रहे थे। लेकिन जैसे ही सीज़फायर की घोषणा हुई, कुछ समूहों ने उन्हें निशाना बनाना शुरू कर दिया। सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियों की बाढ़ आ गई। उनकी बेटी के नंबर तक वायरल हो गए।

ट्रोलर्स को अफसरशाही और नेताओं की फटकार

आईएएस और आईपीएस एसोसिएशन सहित कई उच्चस्तरीय संगठनों ने इस ट्रोलिंग की निंदा की है। आईएएस एसोसिएशन ने एक आधिकारिक बयान में कहा, "हम विक्रम मिसरी और उनके परिवार के साथ खड़े हैं। सार्वजनिक सेवा में लगे किसी अधिकारी पर निजी हमला करना अत्यंत निंदनीय और अस्वीकार्य है।"

भारतीय राजनयिकों के संघ ने भी मिसरी का समर्थन करते हुए कहा, "वह एक प्रतिष्ठित और कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी हैं। उनके खिलाफ की गई टिप्पणियां अस्वीकार्य हैं और इस मामले में सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।"

राजनीतिक दलों से भी मिला समर्थन

यह मामला राजनीतिक सीमाओं से परे चला गया है। कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा, "एक अधिकारी को इस तरह निशाना बनाना बेहद गलत है। मिसरी देश की सेवा कर रहे हैं और उन्हें ट्रोल करना राष्ट्रविरोधी मानसिकता को दर्शाता है।"

एआईएमआईएम प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, "मिसरी एक मेहनती राजनयिक हैं, जो कार्यपालिका का हिस्सा हैं। उन्हें राजनीतिक निर्णयों के लिए दोषी ठहराना सरासर अनुचित है।"

एसपी प्रमुख अखिलेश यादव ने सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा, "बीजेपी सरकार और उसके मंत्री इस मामले में मौन क्यों हैं? क्या यह अधिकारियों का मनोबल तोड़ने की साजिश है?"

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