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Up Kiran, Digital Desk: आज के दौर में पेपर कप सिर्फ चाय या कॉफी पीने तक सीमित नहीं हैं. पर्यावरण को लेकर बढ़ती जागरूकता और प्लास्टिक पर लग रही पाबंदियों के कारण इनकी मांग में जबरदस्त उछाल आया है. चाहे जन्मदिन की पार्टी हो, शादी-समारोह, ऑफिस की मीटिंग या फिर कोई छोटी-मोटी दुकान, हर जगह लोग अब प्लास्टिक की जगह पेपर कप का इस्तेमाल कर रहे हैं. यही वजह है कि यह व्यवसाय छोटे और युवा निवेशकों के लिए कमाई का एक शानदार मौका बन गया है.
शुरुआती लागत और मशीनरी का खर्च
अगर आप पेपर कप बनाने का व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं, तो शुरुआत में आपको कुछ बड़ी लागत लगानी पड़ सकती है. कच्चे माल में मुख्य रूप से प्रिंटेड पीई पेपर (लगभग 2,836 किलोग्राम) और बॉटम रील (1,134 किलोग्राम) की आवश्यकता होती है, जिसकी कुल लागत करीब 3.74 लाख रुपये आती है. इसमें पैकिंग का खर्च भी शामिल है.
बड़े पैमाने पर उत्पादन के लिए एक पेपर कप बनाने की मशीन जरूरी होती है, जिसकी कीमत लगभग 8.5 लाख रुपये है. यह मशीन तीन चरणों में कप तैयार करती है: पहले कप की दीवार को आकार देना, फिर नीचे का हिस्सा जोड़ना और अंत में किनारे को मोड़कर फाइनल टच देना. इस मशीन की मदद से रोज़ाना 73,000 कप बनाए जा सकते हैं.
मासिक और वार्षिक कमाई का गणित
एक बार कारोबार शुरू हो जाने पर, हर महीने कुछ ज़रूरी खर्च भी होते हैं. बिजली और मशीन के तेल पर लगभग 6,000 रुपये का खर्च आता है. इसके अलावा, किराया, स्टेशनरी, परिवहन और विज्ञापन जैसे खर्चों को मिलाकर यह आंकड़ा करीब 20,500 रुपये तक पहुंच जाता है. कर्मचारियों की सैलरी भी इसमें शामिल है. एक अनुभवी मैनेजर को 15,000, कुशल कारीगर को 10,000 और एक सामान्य वर्कर को 7,000 रुपये मासिक वेतन देना पड़ सकता है.
इस व्यवसाय में सालाना टर्नओवर अच्छा होता है. मशीन से एक साल में लगभग 22 लाख कप बनाए जा सकते हैं, जिससे कुल बिक्री लगभग 66 लाख रुपये हो सकती है. सभी खर्चों को घटाने के बाद, इसमें सालाना 9.37 लाख रुपये का शुद्ध लाभ कमाया जा सकता है. इस व्यवसाय में पर्यावरण की सुरक्षा के साथ-साथ एक अच्छी कमाई का भी मौका मिलता है.
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