
Up Kiran, Digital Desk: तमिलनाडु ने सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में अपनी महत्वाकांक्षाओं को पंख देते हुए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। राज्य सरकार ने ₹500 करोड़ के तमिलनाडु सेमीकंडक्टर मिशन 2030 (TNSM 2030) के तहत एक नई 'सेमीकंडक्टर डिज़ाइन प्रमोशन स्कीम' लॉन्च की है। यह पहल राज्य को डिज़ाइन-LED सेमीकंडक्टर नवाचार का केंद्र बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसका लक्ष्य Fabless डिज़ाइन फर्मों को लक्षित सब्सिडी और प्रोटोटाइपिंग अनुदान प्रदान करना है।
यह घोषणा 18 अगस्त को राज्य सरकार द्वारा की गई, जिसमें TIDCO (तमिलनाडु इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड) के नेतृत्व में सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) के माध्यम से सेंटर्स ऑफ एक्सीलेंस (CoEs) स्थापित करने का भी ऐलान किया गया।
क्या हैं इस योजना के मुख्य आकर्षण?
राज्य के उद्योग विभाग के अनुसार, ये उपाय तमिलनाडु को डिजाइन-LED सेमीकंडक्टर नवाचार के लिए एक प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित करने में मदद करेंगे। इस दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के तहत, इंडिया सेमीकंडक्टर वर्कफोर्स डेवलपमेंट प्रोग्राम (ISWDP) के माध्यम से 1,000 इंजीनियरिंग छात्रों को प्रशिक्षित किया जाएगा। साथ ही, चुनिंदा उम्मीदवारों को भारत और विदेशों में उच्च शिक्षा के लिए फंडिंग भी प्रदान की जाएगी।
'प्रोडक्ट नेशन TN' की ओर बढ़ता कदम: मंत्री का बड़ा बयान
उद्योग मंत्री टी. आर. बी. राजा ने इस योजना की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह Fabless फर्मों को 'महत्वपूर्ण प्रारंभिक-चरण का समर्थन' प्रदान करती है और 'होम-ग्रोन IP' (घरेलू बौद्धिक संपदा) को बढ़ावा देगी। उन्होंने कहा, "ये पहलें हमारे बड़े लक्ष्य, 'प्रोडक्ट नेशन TN' को साकार करने के बारे में हैं। डिज़ाइन-LED नवाचार को सक्षम करके, हम तमिलनाडु को टेक उत्पादों के लिए एक वैश्विक केंद्र बनाने की नींव रख रहे हैं।"
TNSM 2030 के पांच स्तंभ: एक व्यापक रोडमैप
तमिलनाडु सेमीकंडक्टर मिशन 2030, देश के सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए एक विस्तृत दृष्टिकोण पर आधारित है, जिसके पांच प्रमुख स्तंभ हैं:
डिज़ाइन प्रमोशन स्कीम: Fabless फर्मों को सीधे समर्थन।
डिज़ाइन और टेस्टिंग इंफ्रास्ट्रक्चर: उन्नत डिज़ाइन और परीक्षण सुविधाओं का विकास।
सेंटर्स ऑफ एक्सीलेंस (CoEs): नवाचार और अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए विशेष केंद्र।
सेमीकंडक्टर उपकरण निर्माण पार्क: उपकरण निर्माण को प्रोत्साहित करना।
लघु-स्तरीय R&D-केंद्रित फैब: अनुसंधान और विकास पर केंद्रित छोटी फैब्रिकेशन इकाइयां।
स्किलिंग इनिशिएटिव्स: कुशल कार्यबल तैयार करना।
यह योजना भारत को वैश्विक चिप आपूर्ति श्रृंखला में एक प्रमुख खिलाड़ी बनाने की राष्ट्रीय महत्वाकांक्षा के साथ संरेखित होती है, जहाँ तमिलनाडु इस यात्रा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
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