
नई दिल्ली — सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार, 14 जुलाई 2025 को देश में बढ़ती हेट स्पीच (घृणा भाषण) की घटनाओं पर गहरी चिंता जताई और केंद्र सरकार व सभी राज्यों को स्पष्ट निर्देश दिए कि इस तरह की टिप्पणियों पर कठोर कार्रवाई की जाए, ताकि समाज में शांति बनी रहे।
मामला वज़ाहत खान बनाम भारत सरकार से जुड़ा था, जिसमें याचिकाकर्ता ने सोशल मीडिया और सार्वजनिक मंचों पर नफरत फैलाने वाले भाषणों की संख्या में बढ़ोतरी को लेकर सुप्रीम कोर्ट से हस्तक्षेप की मांग की थी।
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति एसवी भट की पीठ ने कहा कि,
हेट स्पीच पर नियंत्रण अत्यंत आवश्यक है, लेकिन ऐसा करते समय भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19(1)(a) के तहत प्राप्त अभिव्यक्ति की आज़ादी का भी सम्मान किया जाना चाहिए।
संतुलन की ज़रूरत
अदालत ने दो टूक कहा कि राज्यों को यह सुनिश्चित करना होगा कि पुलिस और प्रशासन बिना किसी राजनीतिक दबाव के निष्पक्ष कार्रवाई करें। इसके लिए विशेष निगरानी तंत्र बनाने का सुझाव भी दिया गया।
क्या कहा कोर्ट ने?
सभी राज्यों को मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) तैयार करने का निर्देश
नफरत फैलाने वाले भाषणों पर स्वतः संज्ञान लेकर एफआईआर दर्ज करने को कहा
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