Struggle Story: पैन इंडिया मूवी ‘केजीएफ’ ने भारतीय सिनेमा के नजरिए को बदलकर रख दिया है। इस मूवी ने न केवल कन्नड़ सिनेमा को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाया, बल्कि इसके मुख्य अभिनेता यश को भी भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर में पहचान दिलाई। 'केजीएफ' के पहले पार्ट ने जहां यश को एक पैन इंडिया स्टार बना दिया।
वहीं इसके दूसरे पार्ट ने उनकी लोकप्रियता को आसमान तक पहुंचा दिया। दोनों फिल्मों ने मिलकर 1500 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई की, जो अब तक की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली कन्नड़ फिल्मों में से एक है। मगर ये सफलता यश के लिए आसान नहीं थी; उन्होंने अपने जीवन में कई समस्याओं का सामना किया है।
बचपन में ही छोड़ दिया था घर
यश का जन्म एक साधारण बस ड्राइवर के घर हुआ। जब वह केवल 16 साल के थे, तब उन्होंने अपने माता-पिता को मनाकर घर छोड़ दिया ताकि वह अपने सपनों को पूरा कर सकें। बेंगलुरु पहुंचने के बाद उनका सामना एक बड़े और डरावने शहर से हुआ। यश ने बताया कि मेरे पास सिर्फ 300 रुपये थे। मुझे पता था कि अगर मैं वापस गया तो मेरे माता-पिता मुझे कभी यहां वापस नहीं आने देंगे। इस आत्मविश्वास के साथ उन्होंने अपनी यात्रा शुरू की।
यश ने बेनका ड्रामा ट्रूप में शामिल होकर अपने करियर की शुरुआत की। यहां उन्होंने बैकस्टेज हैंड के तौर पर काम किया और चाय परोसने जैसे छोटे-मोटे काम किए। उनकी मेहनत रंग लाई जब उन्हें टीवी सीरीज 'नंदा गोकुला' में अभिनय का मौका मिला। यहीं उनकी मुलाकात अभिनेत्री राधिका पंडित से हुई, जो बाद में उनकी पत्नी बनीं। 2007 में उन्होंने 'रॉकी' में मुख्य भूमिका निभाई, जो उनके करियर का एक अहम मोड़ साबित हुआ।
यश ने कई हिट मूवीों में काम किया, जिनमें 'मोडालासाला', 'किराटका', 'मोगिना मनासु', 'ड्रामा', 'गुगली', 'मिस्टर एंड मिसेज रामचारी' और 'मास्टरपीस' शामिल हैं। इन फिल्मों ने उन्हें स्टार बना दिया।
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