यूपी किरण डेस्क। सूर्य को ऊर्जा, स्वास्थ्य, धन, यश और कीर्ति प्रदान करने वाला देवता माना जाता है। सूर्य की हर गतिविधि का संपूर्ण चर - अचर जगत पर प्रत्यक्ष प्रभाव पड़ता है। ज्योतिषियों के अनुसार सूर्य देव बुध की राशि मिथुन में प्रवेश करने वाले हैं। सूर्य का गोचर 15 जून 2024 को होगा, जो विभिन्न राशियों के लिए फलदाई साबित होगा। वैसे सूर्य देव को प्रातः अर्घ्य देने से सभी पर कृपा बरसती है।
ज्योतिषियों के अनुसार सूर्यदेव 15 जून को प्रातः 4 बजकर 27 मिनट पर वृषभ राशि की यात्रा संपन्न करके मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे। मिथुन राशि में सूर्य 16 जुलाई की दोपहर 11 बजकर 19 मिनट तक गोचर करेंगे। सूर्यदेव का मिथुन राशि में गोचर मेष, कर्क, कन्या, मिथुन और कुंभ राशि वालों की किस्मत चमका देगा। इन राशियों के जातक जिस भी काम में हाथ लगाएंगे, उन्हें सफलता मिलेगी। विलंबित कार्य भी पूरे होंगे। नौकरी पेशा लोगों की प्रोन्नति होगी। व्यवसायियों के लिए भी आने वाले दिन उत्साहजनक होंगे।
मेष : सूर्य के मिथुन राशि में गोचर से सर्वाधिक लाभ मेष राशि वालों को होगा। मेष राशि वाले जातकों के तरक्की के रास्ते खुलेंगे। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे जातकों को सफलता मिलेगी। धन और यश में वृद्धि होगी। इस राशि की कन्याओं को योग्य वर मिलेंगे। इसी तरह इस राशि के जातकोंके व्यापार में भी इजाफा होने के योग बनेंगे।
कर्क : जेष्ठ मॉस में सूर्य का गोचर कर्क राशि वालों के किस्मत खोलेगा। इस राशि के जातकों को हर कार्य में सफलता मिलेगी। नौकरी में प्रोन्नति और धन व यश में बढ़ोत्तरी होगी। व्यापारिक उन्नति के योग भी प्रबल होंगे। इससे व्यापार में विस्तार भी होगा। इस राशि के जातकों को नियमित सूर्य नमस्कार की क्रिया करनी चाहिए।
कन्या : सूर्य के मिथुन राशि में गोचर करने पर कन्या राशि के जातकों को मंगलकारी सूचनाएं मिलेंगी। घर में सुख समृद्धि में वृद्ध होगी। प्रतियोगियों को जल्द सफलता मिलेगी। व्यवसाय में नई डील फाइनल हो सकती है। इस राशि की कन्याओं को मन चाहे वर की तलाश पूरी होगी। प्रतिदिन सूर्य भगवान को प्रातः अर्घ्य दें।
कुंभ : सूर्यदेव का मिथुन राशि में गोचर कुंभ राशि वालों के लिए वरदान साबित होगा। इस राशि के जातकों को लक्ष्य पूरा करने में कामयाबी मिलेगी। वर्षों से रुके हुए कार्य पूरे होंगे। व्यापार करने वाले इस राशि के जातकों को लाभ होगा। व्यवसाय में इजाफा होगा। प्रतिदिन सूर्य वंदना करने से इस राशि के लोगों को और भी लाभ होंगे।
उल्लेखनीय है कि सूर्य के गोचर वाला दिन संक्रांति का होता है। इसीलिए जेष्ठ मॉस में मिथुन संक्रांति मनाने की परंपरा है। विद्वानों का कहना है कि संक्रांति वाले दिन सूर्य देव को अर्घ्य दें। अर्ध्य के बाद दान अवश्य करें। इससे मनुष्य के सम्मान में वृद्धि होती है। उसकी हर कामनाएं पूरी होती हैं। सूर्य देव को अर्घ्य देने की क्रिया को अपने संस्कार में शामिल करें।
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