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Up Kiran, Digital Desk: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नजदीक आते ही राजनीतिक माहौल में हलचल तेज हो गई है। हाल ही में प्रकाशित दो प्रमुख सर्वेक्षणों लोक पोल और एस इंडिया ने राज्य की राजनीतिक तस्वीर को नया मोड़ दिया है। इन सर्वेक्षणों में महागठबंधन और एनडीए के बीच कांटे की टक्कर का संकेत मिलता है, जबकि प्रशांत किशोर की नई पार्टी जन सुराज का उभरता प्रभाव भी स्पष्ट है।

लोक पोल सर्वे: महागठबंधन को बहुमत की उम्मीद

लोक पोल सर्वेक्षण के अनुसार, महागठबंधन को इस बार स्पष्ट बढ़त मिल सकती है। सर्वे में महागठबंधन को 118 से 126 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है, जबकि बहुमत के लिए 122 सीटों की आवश्यकता है। एनडीए को 105 से 114 सीटें मिलने का अनुमान है। वोट शेयर के लिहाज से भी मुकाबला बेहद करीबी है। महागठबंधन को 39% से 42% वोट शेयर मिलने का अनुमान है, जबकि एनडीए को 38% से 41% वोट शेयर मिल सकता है।

एस इंडिया सर्वे: क्षेत्रवार रुझान

एस इंडिया सर्वेक्षण ने राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में चुनावी रुझानों का विश्लेषण किया है:

पूर्णिया क्षेत्र: यहां मुस्लिम मतदाताओं का प्रभाव अधिक है, जिससे महागठबंधन को बढ़त मिल सकती है।

मगध क्षेत्र: यहां एनडीए पिछले चुनावों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन कर सकता है, जबकि महागठबंधन पिछड़ सकता है।

भोजपुर क्षेत्र: यहां एनडीए मजबूत स्थिति में दिख रहा है।

भागलपुर क्षेत्र: यहां दोनों गठबंधनों को फायदा हो सकता है, लेकिन जन सुराज का असर भी उभर रहा है।

जन सुराज पार्टी: एक नया राजनीतिक आयाम

प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी इस चुनाव में एक नया और महत्वपूर्ण राजनीतिक कारक बनकर उभरी है। सर्वेक्षणों के अनुसार, जन सुराज को 8.7% वोट शेयर मिलने का अनुमान है। हालांकि सीटों की संख्या सीमित रह सकती है, लेकिन पार्टी का वोट शेयर बड़े दलों के चुनावी गणित को प्रभावित कर सकता है। यदि जन सुराज बड़े गठबंधनों के वोट बैंक में सेंध लगाने में सफल होती है, तो यह कड़े मुकाबले वाली सीटों पर हार-जीत का अंतर तय कर सकती है।

मतदाताओं की बदलती प्राथमिकताएँ

सर्वेक्षणों से यह भी स्पष्ट होता है कि मतदाताओं की प्राथमिकताएँ बदल रही हैं:

युवा मतदाता: 18-24 आयु वर्ग के मतदाता महागठबंधन के पक्ष में अधिक हैं, जबकि 45+ आयु वर्ग के मतदाता एनडीए को समर्थन दे रहे हैं।

धार्मिक समीकरण: मुस्लिम समुदाय के 70% वोट महागठबंधन को मिल सकते हैं, जबकि ऊंची जातियों में एनडीए को 55% समर्थन मिल सकता है।