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Up Kiran, Digital Desk: पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने एक बड़ा कदम उठाते हुए प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को पद से हटाने से संबंधित विधेयकों पर गठित की जा रही संयुक्त संसदीय समिति (JPC) में अपने किसी भी सदस्य को नामित करने से साफ इंकार कर दिया है। TMC ने इस पूरी प्रक्रिया को 'दिखावा' (farce) करार दिया है।

JPC गठन पर TMC का तीखा रुख

TMC का यह फैसला ऐसे समय आया है जब संसद में कुछ ऐसे विधेयकों पर चर्चा की जा रही है, जो प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्रियों जैसे निर्वाचित प्रतिनिधियों को हटाने की प्रक्रियाओं से जुड़े हैं। TMC का मानना है कि यह समिति निष्पक्ष नहीं है और इसका गठन केवल राजनीतिक उद्देश्यों को पूरा करने के लिए किया जा रहा है।

पार्टी के सूत्रों के अनुसार, TMC नेतृत्व का मानना है कि इस तरह की समिति का गठन, विशेषकर मौजूदा राजनीतिक माहौल में, एक तरफा हो सकता है। पार्टी का मानना है कि इस समिति में विपक्ष की आवाज़ को दबाने की कोशिश की जाएगी, इसीलिए उन्होंने इसमें शामिल होने से इनकार किया है।

'यह एक दिखावा है', TMC का आरोप

TMC नेताओं का आरोप है कि यह पूरी कवायद केवल विपक्ष को निशाना बनाने के लिए की जा रही है, और JPC का गठन निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के बजाय केवल एक राजनीतिक चाल है। पार्टी का मानना है कि ऐसे महत्वपूर्ण विधेयकों पर चर्चा के लिए एक निष्पक्ष और संतुलित मंच की आवश्यकता है, जो उन्हें इस गठन में नहीं दिख रहा।

इस फैसले से संसद में चल रही राजनीतिक गहमागहमी और तेज़ हो सकती है, क्योंकि TMC जैसे बड़े दल का JPC में शामिल न होना, विधेयकों पर होने वाली चर्चा को प्रभावित कर सकता है।