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Up kiran,Digital Desk : राजस्थान का हनुमानगढ़ जिला इस वक्त सुलग रहा है। एक एथेनॉल फैक्ट्री को लेकर शुरू हुआ विरोध अब एक बड़े बवाल में बदल चुका है, और हालात इतने तनावपूर्ण हैं कि लोग डर के मारे अपने घरों पर ताले लगाकर भाग रहे हैं।

मामले की शुरुआत टिब्बी इलाके के राठीखेड़ा गांव में बन रही एक एथेनॉल फैक्ट्री के विरोध से हुई। यह विरोध 10 दिसंबर को उस वक्त हिंसक हो गया, जब कुछ प्रदर्शनकारियों ने निर्माणाधीन फैक्ट्री की दीवार गिरा दी और अंदर आगजनी की। इसके बाद जो हुआ, वो पत्थरबाजी और पुलिस के साथ सीधी भिड़ंत में तब्दील हो गया, जिसमें एक कांग्रेस विधायक समेत 70 से ज्यादा लोग घायल हो गए।

पुलिस की कार्रवाई और गांव वालों के संगीन आरोप

इस बवाल के बाद पुलिस ने भी सख्ती दिखाते हुए 107 लोगों पर केस दर्ज कर 40 को हिरासत में ले लिया है। लेकिन गांव वालों का गुस्सा और आरोप कहीं ज़्यादा संगीन हैं। प्रदर्शन में शामिल महिलाओं ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने उन पर गोलियां चलाईं। सबूत के तौर पर उन्होंने पास के गुरुद्वारे में गोलियों के खाली खोखे भी दिखाए हैं।

डर का माहौल ऐसा है कि कई लोग अपने घर छोड़कर रिश्तेदारों के यहां चले गए हैं, जबकि कुछ ने गुरुद्वारा सिंह सभा में शरण ले रखी है। परमजीत कौर नाम की एक महिला ने तो यहां तक कहा कि पुलिस ने उन्हें बालों से पकड़कर खींचा और बेरहमी से पीटा।

बातचीत नाकाम, अब 17 दिसंबर को बड़ा प्रदर्शन

मामले को सुलझाने के लिए गुरुवार को प्रशासन और किसानों के बीच दो दौर की बातचीत हुई, लेकिन वो भी नाकाम रही। प्रशासन का कहना है कि यह बवाल स्थानीय लोगों ने नहीं, बल्कि बाहर से आए उपद्रवियों ने भड़काया है।

वहीं, किसान नेता पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने ऐलान किया है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो 17 दिसंबर को वे पूरे जिले के किसानों के साथ मिलकर कलेक्ट्रेट का घेराव करेंगे। पूरे टिब्बी क्षेत्र में फिलहाल इंटरनेट सेवाएं बंद हैं और तनाव बरकरार है।