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Up Kiran, Digital Desk: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन गुरुवार को लंदन में स्थित प्रतिष्ठित ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के सेंट एंटनी कॉलेज में समाज सुधारक ई.वी. रामासामी 'पेरियार' के एक चित्र का अनावरण करेंगे। यह कार्यक्रम स्वाभिमान आंदोलन (Self-Respect Movement) के शताब्दी वर्ष के मौके पर हो रहा है।

ऑक्सफोर्ड में गूंजेगी द्रविड़ विचारधारा

यह अनावरण 'द सेल्फ-रिस्पेक्ट मूवमेंट एंड इट्स लेगेसीज 2025' नामक एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान होगा, जहां स्टालिन को विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है। मुख्यमंत्री इस मौके पर पेरियार की विरासत और सामाजिक सुधारों एवं आधुनिक शासन पर द्रविड़ विचारधारा के स्थायी प्रभाव पर एक मुख्य भाषण भी देंगे।

इस कार्यक्रम के हिस्से के रूप में, स्टालिन दो महत्वपूर्ण पुस्तकों - 'द द्रविड़ियन पाथवे' और 'द कैम्ब्रिज कम्पेनियन टू पेरियार' का विमोचन भी करेंगे, जो प्रगतिशील और सुधारवादी विचारधाराओं में तमिलनाडु के योगदान को रेखांकित करती हैं।

संस्कृति के साथ निवेश का मिशन

यह सांस्कृतिक मील का पत्थर स्टालिन के उस बड़े मिशन का भी हिस्सा है, जिसके तहत वह तमिलनाडु में वैश्विक निवेश आकर्षित कर रहे हैं। उनकी सरकार का लक्ष्य राज्य को 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था में बदलना है।

स्टालिन अब तक चार विदेश दौरे कर चुके हैं, जिनके जरिए 18,500 करोड़ रुपये के समझौतों पर हस्ताक्षर हुए हैं। जर्मनी में औद्योगिक नेताओं के साथ बैठकें करने के बाद, वह निवेश-केंद्रित चर्चाओं को जारी रखने के लिए लंदन पहुंचे हैं। बुधवार को, उन्होंने प्रमुख व्यापार समूहों के साथ महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापनों (MoUs) पर हस्ताक्षर किए और उन्हें तमिलनाडु में अपनी कंपनियां स्थापित करने के लिए आमंत्रित किया।

मुख्यमंत्री ने विनिर्माण, नवीकरणीय ऊर्जा और प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में निवेश के लिए राज्य के औद्योगिक विकास, कुशल कार्यबल और निवेशक-अनुकूल माहौल को प्रमुख कारणों के रूप में पेश किया।

सांस्कृतिक गौरव और निवेश कूटनीति के इस संगम के माध्यम से, सीएम स्टालिन तमिलनाडु को एक ऐसे प्रगतिशील राज्य के रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं, जिसे अपनी सुधारवादी विरासत पर गर्व है और जो एक उभरता हुआ वैश्विक आर्थिक केंद्र भी है।

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