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Up Kiran, Digital Desk: नैनीताल शहर में टैक्स न चुकाने वाले कॉमर्शियल वाहन मालिकों की भारी तादाद ने परिवहन महकमे की नींद उड़ा दी है। हजारों वाहन स्वामी न तो टैक्स भर रहे हैं और न ही संपर्क में आ रहे हैं। इसके चलते विभाग को करोड़ों रुपये की चपत लग रही है।
हज़ारों वाहन स्वामी लापता, आरसी जब्त करने की नौबत
लमसम 2982 टैक्स डिफॉल्टर ऐसे हैं जो लंबे समय से गायब हैं। विभाग की ओर से कई बार नोटिस भेजे गए लेकिन जवाब न मिलने पर अब इनके रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) को जब्त किया गया है। इनमें से बहुत से मामलों में वाहन मालिकों के पते गलत हैं या उनके मोबाइल नंबर बंद हो चुके हैं।
22 करोड़ से ज़्यादा की रिकवरी बाकी
मौजूदा वक्त में विभाग को इन गायब बकायेदारों से करीब 22.68 करोड़ रुपये की वसूली करनी है। कई केस ऐसे हैं जो 9 से 10 साल पुराने हैं, यानी सालों से टैक्स की रकम जमा नहीं की गई है।
रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में नया बदलाव
ऐसी स्थिति दोबारा न आए, इसके लिए विभाग अब नए वाहनों के पंजीकरण के समय स्थानीय पते की सख्त पुष्टि कर रहा है। अब आधार कार्ड के साथ सही और चालू पता देना अनिवार्य कर दिया गया है, ताकि फर्जी पते पर रजिस्ट्रेशन करवा कर वाहन मालिक टैक्स से बच न सकें।
20 हज़ार से ज़्यादा वाहन मालिक टैक्स बकायेदार
शहर में 26 हज़ार से अधिक मालवाहक और टैक्सी वाहन रजिस्टर्ड हैं। जब विभाग ने वसूली की पुरानी फाइलें खंगालीं, तो पता चला कि 20 हज़ार से ज़्यादा लोग टैक्स चुकाए बिना गायब हैं। इनमें से 9,636 पर 30.19 करोड़ का नोटिस जारी किया गया है।
पुराने केस बढ़े, बकाया चढ़ा 53 करोड़ पार
वर्तमान में 16,807 टैक्स डिफॉल्ट केस पुराने हैं, वही 1 अप्रैल 2025 से 30 अगस्त 2025 तक नए 3,266 मामलों की एंट्री हुई है। इसी दौरान बकाया राशि 52.15 करोड़ से बढ़कर 53.62 करोड़ तक पहुंच गई है।
सिर्फ 6 करोड़ की वसूली, बड़ी चुनौती बाकी
अप्रैल से अगस्त 2025 के बीच, विभाग ने 9,449 मामलों में कार्रवाई कर लगभग 6.25 करोड़ रुपये की रिकवरी की है। लेकिन यह रकम कुल बकाया की तुलना में बेहद कम है। अब भी 47.04 करोड़ रुपये की वसूली बाकी है, जो 10,624 लोगों से होनी है।