
Up Kiran, Digital Desk: भारत के स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस (LCA) Mk1A के प्रोडक्शन को लेकर एक बड़ी और अच्छी खबर सामने आई है। सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को अमेरिकी कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक (GE) एयरोस्पेस से तीसरा GE 404 इंजन मिल गया है। यह वही इंजन है, जिसकी डिलीवरी में हो रही देरी के कारण तेजस विमानों का उत्पादन धीमा पड़ गया था।
अब तेज होगा प्रोडक्शन: HAL ने एक बयान में बताया कि तीसरा इंजन मिल चुका है और चौथा इंजन भी इसी महीने के अंत तक आ जाएगा। इंजनों की सप्लाई में सुधार होने से अब तेजस Mk1A विमानों की डिलीवरी का रास्ता साफ हो गया है।
आपको बता दें कि जनवरी 2021 में सरकार ने भारतीय वायुसेना (IAF) के लिए 45,696 करोड़ रुपये की लागत से 83 तेजस विमानों (73 लड़ाकू और 10 ट्रेनर) की खरीद को मंजूरी दी थी। योजना के मुताबिक, इन विमानों का उत्पादन 8 सालों में पूरा होना था, लेकिन अमेरिकी कंपनी की तरफ से इंजन भेजने में हो रही देरी के कारण पूरा शेड्यूल बिगड़ गया।
क्यों है वायुसेना को इतनी जल्दी?
इस साल फरवरी में वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए.पी. सिंह ने डिलीवरी में हो रही देरी को लेकर HAL की आलोचना की थी। उन्होंने कहा था कि वायुसेना अपने पुराने मिग-29 स्क्वाड्रन को रिटायर कर रही है और उनकी जगह लेने के लिए तेजस विमानों की सख्त जरूरत है।
हालांकि, HAL ने साफ किया था कि विमान सौंपने में हो रही देरी उनकी तरफ से नहीं, बल्कि अमेरिकी इंजन निर्माता की सप्लाई चेन में समस्याओं के कारण थी।
HAL ने भी कसी कमर: अब इंजन मिलने के साथ ही HAL ने भी उत्पादन की रफ्तार बढ़ाने के लिए पूरी तैयारी कर ली है। बेंगलुरु में दो प्रोडक्शन लाइन पहले से ही काम कर रही हैं, और अब नासिक में एक तीसरी लाइन भी शुरू कर दी गई है। HAL के चेयरमैन ने कहा है कि अगर GE इस साल वादे के मुताबिक 12 इंजन दे देती है, तो HAL भी इस वित्तीय वर्ष के अंत तक 12 विमान बनाकर तैयार कर देगा। कुल मिलाकर, HAL ने अमेरिका से 99 GE 404 इंजनों का ऑर्डर दिया है।
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