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Up Kiran, Digital Desk: तेलंगाना में इंजीनियरिंग शिक्षा के क्षेत्र से एक बड़ी खबर सामने आई है। तेलंगाना हाईकोर्ट ने निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों द्वारा फीस बढ़ाने की मांग को खारिज कर दिया है, जिससे हजारों छात्रों और अभिभावकों को बड़ी राहत मिली है। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब राज्य भर में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग (CSE) की सीटों की मांग आसमान छू रही है, जो छात्रों के बीच इस स्ट्रीम की बढ़ती लोकप्रियता को दर्शाता है।

निजी इंजीनियरिंग कॉलेज लंबे समय से फीस में वृद्धि की मांग कर रहे थे, उनका तर्क था कि बढ़ते परिचालन लागत और सुविधाओं को बनाए रखने के लिए यह आवश्यक है। हालांकि, छात्रों और अभिभावकों ने इस बढ़ोतरी का विरोध किया था, उनका मानना था कि इससे उच्च शिक्षा और भी महंगी हो जाएगी और कई मेधावी छात्र इससे वंचित रह जाएंगे। हाईकोर्ट ने सभी पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद छात्रों के हित में फैसला सुनाया है।

CSE सीटों की बढ़ती मांग: अदालत के इस फैसले के साथ-साथ एक और महत्वपूर्ण प्रवृत्ति सामने आई है – कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग (CSE) पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए छात्रों की होड़। तकनीकी क्षेत्र में नौकरियों के बढ़ते अवसरों और आकर्षक वेतन पैकेज के कारण CSE एक पसंदीदा विकल्प बन गया है। इस साल भी CSE सीटों के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा देखी जा रही है, जिससे राज्य के कई इंजीनियरिंग कॉलेजों में इन सीटों की कटऑफ काफी ऊपर जाने की उम्मीद है।

हाईकोर्ट का यह फैसला न केवल छात्रों को वित्तीय बोझ से बचाएगा, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगा कि गुणवत्तापूर्ण तकनीकी शिक्षा अधिक किफायती और सुलभ बनी रहे। यह राज्य सरकार की उस प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है कि वह उच्च शिक्षा को आम जनता की पहुंच में बनाए रखे।  फीस वृद्धि की मांग खारिज होने से कुछ निजी कॉलेजों के लिए अपनी गुणवत्ता और बुनियादी ढांचे को बनाए रखने में चुनौतियाँ आ सकती हैं, लेकिन यह छात्रों के लिए निश्चित रूप से एक स्वागत योग्य कदम है।

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