Up kiran,Digital Desk : झारखंड अब सही मायनों में कांपने लगा है। सर्द हवाओं ने ऐसा असर दिखाया है कि पूरा प्रदेश ठिठुर रहा है और इस चुभने वाली 'कनकनी' से फिलहाल राहत मिलने की कोई उम्मीद नहीं है।
राजधानी रांची तो मानो ठंड का केंद्र बन गई हो। यहां के पास कांके में तो पारा इतना लुढ़का कि रिकॉर्ड ही बन गया, सिर्फ 3.2 डिग्री सेल्सियस! यह तापमान सुनकर ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि ठंड किस कदर कहर बरपा रही है। मैकलुस्कीगंज में भी सुबह का तापमान 5 डिग्री तक पहुंच गया।
13 जिलों में 10 डिग्री से नीचे पारा, कहीं-कहीं शीतलहर
यह हाल सिर्फ रांची का नहीं है। राज्य के 13 जिले, जिनमें गुमला, खूंटी, लातेहार, लोहरदगा और पलामू शामिल हैं, वहां भी रात का तापमान 10 डिग्री से नीचे चला गया है। इन इलाकों में कहीं-कहीं तो शीतलहर जैसे हालात बने हुए हैं।
कोहरे का डबल अटैक
एक तरफ हाड़ कंपाने वाली ठंड है, तो दूसरी तरफ कोहरे ने भी मुश्किल बढ़ा दी है। संताल परगना के इलाके लगातार चौथे दिन कोहरे की चादर में लिपटे रहे। देवघर में तो सुबह के समय हालत इतनी खराब थी कि 500 मीटर दूर देखना भी मुश्किल हो रहा था। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि शनिवार से कोहरे के साथ-साथ शीतलहर का प्रकोप और बढ़ सकता है।
तो आगे क्या होगा? क्या राहत मिलेगी?
मौसम विभाग के अनुसार, अगले 24 घंटों में न्यूनतम तापमान में एक से दो डिग्री की मामूली बढ़ोतरी तो हो सकती है, लेकिन इससे धोखा खाने की जरूरत नहीं है। इस 'थोड़ी सी राहत' से कनकनी दूर नहीं होने वाली। सुबह के समय घना कोहरा बना रहेगा और करीब 10 बजे के बाद ही आसमान थोड़ा साफ होने की उम्मीद है।
मौसम वैज्ञानिक अभिषेक आनंद का कहना है कि राज्य में अभी सर्द हवाओं का असर बना रहेगा, इसलिए ठंड से फिलहाल कोई बड़ी राहत की उम्मीद करना बेमानी है।
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