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Up Kiran, Digital Desk: सोमवार को संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने संसद में बार-बार होने वाले विपक्षी हंगामे के प्रति सरकार का कड़ा रुख स्पष्ट किया। उन्होंने घोषणा की कि सरकार लोकसभा और राज्यसभा दोनों में महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराने के साथ आगे बढ़ेगी। नई दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन में बोलते हुए, रिजिजू ने कांग्रेस और उसके सहयोगियों पर रोज़ाना एक ही मुद्दे पर व्यवधान पैदा करके संसद का समय बर्बाद करने का आरोप लगाया।

"एक मुद्दे पर एक दिन का विरोध, रोज़-रोज़ नहीं"
बिना किसी विशेष सांसद का नाम लिए, रिजिजू ने बिहार में चुनावी मतदाता सूची के संशोधन के खिलाफ विपक्ष के चल रहे विरोध प्रदर्शनों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, "आपने एक मुद्दा उठाया है, उसे एक दिन के लिए उठाएं। हर दिन एक ही मुद्दे को उठाने का क्या मतलब है?" उन्होंने आगे कहा कि सरकार प्रमुख विधानों पर चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन संसदीय कामकाज को बार-बार ठप होने की अनुमति देने की उसकी कोई मंशा नहीं है। यह बयान विपक्ष की विरोध की रणनीति पर सरकार की निराशा को दर्शाता है।

सरकार के एजेंडे में ये अहम विधेयक, जल्द होगी पेशी!
मंत्री ने संसद में लंबित कई विधयकों की सूची भी पेश की, जिनमें शामिल हैं:

रिजिजू ने कहा, "ये महत्वपूर्ण विधेयक हैं जो शासन, अर्थव्यवस्था और जनहित को प्रभावित करते हैं। हम उन्हें बार-बार स्थगन के कारण अटके रहने की अनुमति नहीं दे सकते।" यह स्पष्ट करता है कि सरकार इन विधेयकों को पारित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

विपक्ष की रणनीति पर सवालिया निशान:कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष ने बिहार में चुनावी सुधारों को लेकर सरकार को निशाने पर लिया है, जिसमें अनियमितताओं का आरोप लगाया गया है और जवाबदेही की मांग की गई है। हालांकि, रिजिजू ने उन पर जनता के महत्व के अन्य मामलों की अनदेखी करने का आरोप लगाया। यह टकराव संसद के सुचारू संचालन में एक प्रमुख बाधा बना हुआ है। सरकार का यह रुख संकेत देता है कि अब विपक्ष के हंगामे के बावजूद, विधायी कार्य को आगे बढ़ाने पर अधिक जोर दिया जाएगा।

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