img

Up Kiran, Digital Desk: अगर आपको कोविड हुए काफी समय हो गया है, लेकिन अब भी आप थकान, चक्कर आना और ध्यान लगाने में मुश्किल जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए बहुत जरूरी है। एक नई स्टडी में पाया गया , कि 'लॉन्ग कोविड' से जूझ रहे लोगों में दिल की एक अजीब बीमारी आम हो रही है, जिसका नाम है पोस्टुरल ऑर्थोस्टैटिक टैकीकार्डिया सिंड्रोम (POTS)।

क्या है यह POTS बीमारी: POTS एक ऐसी स्थिति है जिसमें लेटने के बाद जब कोई व्यक्ति खड़ा होता है, तो उसके दिल की धड़कन असामान्य रूप से बहुत तेज हो जाती है। आम तौर पर खड़े होने पर धड़कन थोड़ी बढ़ती है, लेकिन POTS के मरीजों में यह बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। ऐसे लोगों के लिए देर तक खड़े रहना एक चुनौती बन जाता है। इसके अलावा, आराम करते समय या थोड़ा काम करने पर भी उनकी धड़कन सामान्य से तेज रहती है।

लॉन्ग कोविड और POTS का क्या है कनेक्शन?

स्वीडन के कारोलिंस्का इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं ने अपनी स्टडी में पाया कि गंभीर 'लॉन्ग कोविड' से पीड़ित लगभग एक तिहाई (31%) मरीजों में POTS की समस्या देखने को मिल रही है।

इस स्टडी की सबसे खास बातें:

महिलाओं में ज्यादा खतरा: यह स्टडी बताती है कि POTS की समस्या पुरुषों के मुकाबले अधेड़ उम्र की महिलाओं में ज्यादा आम है।

थकान और ब्रेन फॉग: POTS के लक्षण, जैसे बहुत ज्यादा थकान होना और 'ब्रेन फॉग' (ध्यान लगाने या कुछ याद रखने में मुश्किल), 'लॉन्ग कोविड' के लक्षणों से काफी मिलते-जुलते हैं।

पहले से स्वस्थ लोगों को भी निशाना बना रहा: स्टडी में शामिल 91% मरीज वो अधेड़ उम्र की महिलाएं थीं, जो 'लॉन्ग कोविड' होने से पहले पूरी तरह से स्वस्थ और शारीरिक रूप से एक्टिव थीं।

डॉक्टरों की सलाह: इन लक्षणों को नजरअंदाज न करें

शोधकर्ताओं ने सलाह दी है कि जिन 'लॉन्ग कोविड' मरीजों को लेटने के बाद खड़े होने पर धड़कन बहुत तेज बढ़ने, चक्कर आने, 'ब्रेन फॉग' और बहुत ज्यादा थकान जैसे लक्षण महसूस हों, उन्हें POTS की जांच जरूर करानी चाहिए।

अच्छी खबर यह है कि POTS का पता बहुत ही आसान और सस्ते टेस्ट से लगाया जा सकता है जो लगभग हर स्वास्थ्य केंद्र पर उपलब्ध हैं। और जिन्हें यह बीमारी होती है, उनके लिए ऐसे इलाज मौजूद हैं जो लक्षणों को कम करके जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बना सकते हैं।