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मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में कोल्ड्रिफ सिरप पीने के बाद बच्चों की मौत का मामला अब बड़ा मोड़ ले चुका है। पुलिस ने बच्चों को यह कथित जहरीला सिरप देने वाले बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रवीण सोनी को गिरफ्तार कर लिया है। उन्हें राजपाल चौक के पास से पकड़ा गया।

कड़े कानूनों में केस दर्ज – मौत का जिम्मेदार कौन?

शिकायत बीएमओ डॉ. अंकित सल्लाम ने दर्ज कराई थी। इसके आधार पर डॉक्टर पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) और औषधि अधिनियम, 1940 की गंभीर धाराओं में केस दर्ज हुआ है:

धारा 279 – दवा में मिलावट

धारा 105 – हत्या न सही, पर जानलेवा लापरवाही

धारा 27A – मिलावटी दवा से मौत होने पर सजा

धारा 26 – नकली दवाओं का निर्माण व बिक्री

इन धाराओं में 10 साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है।

दवा कंपनी भी घिरी जांच में – सिरप में निकला ज़हर

केवल डॉक्टर ही नहीं, बल्कि सिरप बनाने वाली श्रीसन फार्मास्युटिकल कंपनी (कांचीपुरम, तमिलनाडु) पर भी एफआईआर दर्ज हुई है। लैब रिपोर्ट में सिरप को घटिया और जहरीला पाया गया, जो सीधे बच्चों की मौत से जुड़ा हो सकता है।

मौत की डरावनी टाइमलाइन – कैसे हुई मासूमों की जानलेवा हालत

एफआईआर में दर्ज मौतों का सिलसिला रुला देने वाला है। सभी मामलों में बच्चों को पहले बुखार और सर्दी थी। सिरप पीने के बाद गुर्दे फेल (किडनी फेलियर) होने लगे।
यह रही कुछ प्रमुख घटनाओं की लिस्ट:

शिवम राठौर (4) – 24 अगस्त को सिरप लिया, 4 सितंबर को मौत

विधि-नमिता (3) – 3 सितंबर को इलाज, 5 सितंबर को निधन

अदनान – 21 अगस्त को सिरप शुरू, 7 सितंबर को मौत

उसैद (4) – 25 अगस्त को सिरप सेवन, 13 सितंबर को निधन

हितांश सोनी (5) – 29 अगस्त से इलाज, 19 सितंबर को मौत

चंचलेश, विकास, संध्या, योगिता ठाकरे (2) – सभी को एक जैसी हालत में नागपुर रेफर किया गया और इलाज के दौरान मौत हो गई

CID और मेडिकल एक्सपर्ट टीम करेगी जांच

राज्य सरकार ने विशेष फोरेंसिक और मेडिकल टीम गठित कर दी है, जो हर पहलू की जांच करेगी। जब तक अंतिम लैब रिपोर्ट नहीं आती, सिरप की बिक्री पर नजर रखी जा रही है।

SP अजय पांडे के मुताबिक, डॉक्टर और कंपनी दोनों पर दवाइयों की सिफारिश और वितरण को लेकर जांच जारी है।