
CG Election 2025: नगरीय निकाय चुनाव के ऐलान के साथ ही छत्तीसगढ़ में सभी सियासी दलों के कार्यकर्ता टिकट की मांग में जुट गए हैं। मगर सूरजपुर में एक ऐसा वार्ड है जहां के लोग चुनाव लड़ने से पूरी तरह बच रहे हैं। मौलाना आजाद वार्ड संख्या 02। ये ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित है। इसके बारे में कहा जाता है कि यहां से चुनाव जीतने वाले नेता की रहस्यमय तरीके से मृत्यु हो जाती है। आखिर क्या वजह है कि कोई भी उम्मीदवार इस वार्ड से चुनाव नहीं लड़ना चाहता? आइए जानते हैं।
सूरजपुर नगरपालिका का मौलाना आज़ाद वार्ड पिछले 25 वर्षों से एक रहस्य बना हुआ है। यहां से चुने गए पार्षदों की मौतें एक रहस्य बन चुकी हैं। इस वार्ड ने नगर पंचायत से लेकर नगरपालिका तक कई पार्षद और अध्यक्ष दिए हैं, मगर हर बार ये कहानी एक ही मोड़ पर आकर खत्म होती है - मौत। अगर पुरुष पार्षद चुना जाता है, तो अक्सर किसी बीमारी या दुर्घटना की भेंट चढ़ जाता है। वहीं, महिला पार्षद की जीत के बाद उसके पति की मौत की घटनाएं भी सामने आई हैं।
इस वार्ड की स्थिति और भी गंभीर है। वर्तमान में ये वार्ड करीब एक साल से पार्षद विहीन है। पिछले चुनाव में भाजपा के पार्षद जियाजुल हक ने जीत हासिल की थी, मगर अचानक दिल का दौरा पड़ने से उनकी भी मौत हो गई। इस स्थिति ने वार्ड के लोगों के मन में एक डर का माहौल बना दिया है।
जनता में दहशत
स्थानीय जनता का मानना है कि इस वार्ड में पिछले कुछ वर्षों में पांच से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। इससे नए प्रत्याशियों में भय बना हुआ है। जिन पार्षदों की मौत हुई या जिनके परिवार के सदस्यों ने अपनी जान गंवाई है, वे अपने परिवार के किसी सदस्य को चुनावी मैदान में नहीं देखना चाहते। यही कारण है कि इस वार्ड में चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों की संख्या बेहद कम है। ये रहस्य न केवल वार्ड में बल्कि पूरे शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है।
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