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mahakumbh earning: संगम तट पर महाकुंभ का भव्य आयोजन संपन्न हो चुका है। मगर इसके खर्च और आर्थिक लाभ को लेकर अब सियासी बहस तेज हो गई है। योगी सरकार ने महाकुंभ की तैयारियों और सुविधाओं पर 7,500 करोड़ रुपए से अधिक खर्च किए। इस भारी-भरकम निवेश पर सवाल उठ रहे हैं कि इससे सरकार को क्या लाभ हुआ?

इसी बीच, यूपी के श्रम एवं सेवायोजन मंत्री अनिल राजभर ने एक चौंकाने वाला दावा किया है। उन्होंने कहा कि महाकुंभ से सरकार को करीब साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये का आर्थिक फायदा हुआ है और 60 लाख लोगों को रोजगार मिला है। हालांकि, विपक्ष इस दावे को 'आकड़ों की बाजीगरी' करार दे रहा है।

सरकार का दावा: पर्यटन और कारोबार से बड़ा लाभ

अनिल राजभर ने कहा कि कुंभ सिर्फ धार्मिक आयोजन नहीं बल्कि आर्थिक और सांस्कृतिक उत्थान का केंद्र भी है। उन्होंने बताया कि इस आयोजन के जरिए होटल, परिवहन, हस्तशिल्प, फूड इंडस्ट्री और टूरिज्म सेक्टर में जबरदस्त उछाल आया, जिससे लाखों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिला।

आगे उन्होंने कहा कि देश-विदेश से आए पर्यटकों ने यूपी की अर्थव्यवस्था को मजबूत किया। प्रयागराज, वाराणसी, अयोध्या जैसे शहरों में होटल और गेस्टहाउस फुल रहे। इस दौरान लोगों ने मोटी कमाई की।

तो वहीं कांग्रेस ने सरकार के दावे पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि यदि साढ़े तीन लाख करोड़ का फायदा हुआ, तो जनता को इसका सीधा लाभ क्यों नहीं मिला?