Hindenburg Research: भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी और शेयर बाजार नियामक सेबी प्रमुख माधवी पुरी बुच के खिलाफ अपनी रिपोर्ट को लेकर चर्चा में आए हिंडनबर्ग रिसर्च फर्म के संस्थापक नाथन एंडरसन ने न केवल भारत बल्कि दुनिया भर में कई कंपनियों को नुकसान पहुंचाया है। उनकी रिपोर्ट के अनुसार अकेले गौतम अडानी के कारोबार को 2.5 लाख करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हुआ है। इससे पहले हिंडनबर्ग रिपोर्ट में अमेरिकी कंपनी निकोला के खिलाफ भी ऐसी ही रिपोर्ट सामने आई थी, जिसके बाद कंपनी को अरबों डॉलर का नुकसान हुआ था।
हिंडनबर्ग और उनके काम के बारे में हर कोई जानता है। मगर नाथन एंडरसन ने इस कंपनी का नाम हिंडनबर्ग क्यों रखा? यह प्रश्न आपके मन में आया होगा। दूसरा, एंडरसन, जिसके खुलासे और रिपोर्ट ने दुनिया भर की कई कंपनियों को अरबों डॉलर का मुनाफा दिलाया, उसने खुद कितना पैसा कमाया और उसकी कुल संपत्ति कितनी है? मगर, उससे पहले आइए जानें कि हिंडनबर्ग बनाने से पहले नाथन एंडरसन कैसे थे और उनके मन में यह विचार कैसे आया।
अमेरिका में जन्मे
एंडरसन का जन्म कनेक्टिकट, अमेरिका में हुआ था और उन्होंने स्थानीय विश्वविद्यालय से अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में डिग्री हासिल की थी। पढ़ाई के बाद एंडरसन को कोई विशेष नौकरी नहीं मिली, इसलिए उन्होंने मार्च 2004 से जनवरी 2005 तक इज़राइल में एम्बुलेंस चालक के रूप में काम किया। इसके बाद उन्होंने चार्टर्ड अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट एनालिस्ट (सीएआईए) और चार्टर्ड फाइनेंशियल एनालिस्ट (सीएफए) की उपाधि प्राप्त की। इन अनुभवों ने बाद में उन्हें वित्तीय बाजारों के लिए एक खोजी दृष्टिकोण बनाने के विचार के लिए प्रेरित किया।
ऐसे शुरू हुई हिंडनबर्ग शुरूआत
एंडरसन ने वित्तीय बाजारों में धोखाधड़ी को उजागर करने के लिए 2017 में एक शोध फर्म की स्थापना की। नाथन का मानना था कि वित्तीय घोटाले किसी आपदा से कम नहीं हैं, इसलिए उन्होंने अपनी कंपनी का नाम हिंडनबर्ग नामक हवाई जहाज के नाम पर रखा, जो 1937 में एक आपदा का शिकार हुआ था। उनका उद्देश्य कॉर्पोरेट जगत में काले बाजार को उजागर करना था।
काम कैसे शुरू हुआ?
अपनी स्थापना के तुरंत बाद हिंडनबर्ग ने लगभग 16 कंपनियों के खिलाफ गलत सूचना और कॉर्पोरेट धोखाधड़ी के मामलों का खुलासा किया। जिस कंपनी के खिलाफ यह रिपोर्ट सामने आई है, उसमें उनकी कंपनी शॉर्ट सेलिंग के जरिए पैसा बनाती थी। कंपनी का काम विस्तृत अनुसंधान करना, पूरे मामले को उजागर करना और उसे बाजार में लाना था।
हिंडनबर्ग को 2020 में सबसे अधिक प्रसिद्धि तब मिली जब उन्होंने अमेरिकी कंपनी निकोला के खिलाफ एक रिपोर्ट प्रकाशित की। हिंडनबर्ग ने इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता पर निवेशकों को गुमराह करने तथा अपनी तकनीक और क्षमताओं को छिपाने का आरोप लगाया। इस रिपोर्ट के कारण निकोला के शेयर की कीमत में भारी गिरावट आई और इसके संस्थापक ट्रेवर मिल्टन को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा।
कितनी है कुल संपत्ति
हिंडनबर्ग जैसी रिसर्च फर्म बनाने वाले एंडरसन ने न सिर्फ कंपनियों को घाटा पहुंचाया, बल्कि खुद भी करोड़ों रुपए कमाए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हालांकि नाथन एंडरसन ने कभी अपनी संपत्ति का खुलासा नहीं किया है, मगर अनुमान है कि उनकी कुल संपत्ति करीब 50 मिलियन डॉलर (433 करोड़ रुपए) है।
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