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Up Kiran, Digital Desk: जैसलमेर के पास हुए भीषण बस हादसे की आग अभी ठंडी भी नहीं हुई थी कि मौतों के बढ़ते आंकड़े ने पूरे राजस्थान को एक बार फिर दहला दिया है। इस दर्दनाक हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर 21 हो गई है। चीख-पुकार और मातम के बीच अब इस मामले पर सरकार ने भी कड़ा रुख अपना लिया है। शुरुआती जांच में बड़ी लापरवाही सामने आने के बाद सरकार ने परिवहन विभाग के दो बड़े अधिकारियों पर गाज गिराई है।

क्या है पूरा मामला?

 

कुछ दिन पहले जैसलमेर के पास एक प्राइवेट बस में आग लग गई थी, जिसमें कई यात्री जिंदा जल गए थे। यह हादसा इतना भयानक था कि कई शवों की तो पहचान करना भी मुश्किल हो गया। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, मौत का आंकड़ा भी लगातार बढ़ रहा है। अब तक 21 लोगों के इस आग का निवाला बनने की पुष्टि हो चुकी है। इस घटना ने पूरे प्रदेश में शोक की लहर दौड़ा दी है और साथ ही प्राइवेट बसों की सुरक्षा और परिवहन विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

लापरवाही पर सरकार का पहला बड़ा एक्शन

 

मामले की गंभीरता और जनता के गुस्से को देखते हुए राजस्थान सरकार ने तुरंत एक्शन मोड में आते हुए दो जिला परिवहन अधिकारियों (DTO) को सस्पेंड कर दिया है। इन अधिकारियों पर अपनी ड्यूटी में गंभीर लापरवाही बरतने का आरोप है। माना जा रहा है कि जिस बस में आग लगी, उसकी फिटनेस और सुरक्षा मानकों की जांच में इन अधिकारियों की तरफ से बड़ी चूक हुई थी।

सरकार ने यह साफ संदेश दिया है कि इस मामले में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी बयान में कहा गया है कि जांच अभी जारी है और जो भी इस हादसे के लिए जिम्मेदार पाया जाएगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा।

क्या बसों की फिटनेस सिर्फ कागजों पर होती है?

 

इस हादसे ने एक बार फिर उस कड़वे सच को सामने ला दिया है, जिस पर अक्सर कोई ध्यान नहीं देता। आखिर सड़कों पर दौड़ रहीं हजारों प्राइवेट बसों की सुरक्षा की गारंटी कौन लेगा? क्या उनकी फिटनेस की जांच सिर्फ कागजों तक ही सीमित रहती है? परिवहन विभाग के अधिकारियों की जिम्मेदारी क्या सिर्फ दफ्तरों में बैठकर परमिट जारी करना है?

इस घटना के बाद अब परिवहन विभाग पर भी दबाव बढ़ गया है कि वह प्रदेश भर में चल रही बसों की सुरक्षा और फिटनेस को लेकर एक बड़ा अभियान चलाए, ताकि भविष्य में जैसलमेर जैसी कोई और दर्दनाक घटना दोबारा न हो।

फिलहाल, पूरा प्रदेश इस हादसे के पीड़ितों के लिए दुआ कर रहा है और सबकी निगाहें जांच पर टिकी हैं, जिससे यह पता चल सके कि आखिर 21 बेगुनाह जिंदगियों की मौत का असली जिम्मेदार कौन है।