
Up Kiran, Digital Desk: बॉलीवुड के मशहूर फिल्म निर्माता और निर्देशक करण जौहर पिछले कुछ समय से अपने बदले हुए लुक, खासकर तेजी से कम होते वजन को लेकर चर्चा में बने हुए हैं। फैंस और इंडस्ट्री के लोग हैरान थे कि आखिर करण जौहर इतने पतले कैसे हो गए। उनके स्वास्थ्य को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही थीं। अब खुद करण जौहर ने एक पॉडकास्ट में इस राज से पर्दा उठाया है और बताया है कि उनका यह ट्रांसफॉर्मेशन किसी गंभीर बीमारी का नतीजा नहीं, बल्कि एक सोची-समझी स्वास्थ्य यात्रा का हिस्सा है, जिसका मूल कारण है थायराइड।
करण ने खुलासा किया कि वह पिछले 15-20 सालों से थायराइड की समस्या से जूझ रहे हैं, जिसके बारे में उन्हें एक सामान्य ब्लड टेस्ट के जरिए पता चला। इस बीमारी ने उनकी जिंदगी में काफी उतार-चढ़ाव लाए, लेकिन लंबे समय तक उन्हें इसका सही कारण मालूम नहीं था।
थायराइड पर काबू पाने की जंग और OMAD डाइट का सहारा
थायराइड का पता चलने के बाद करण जौहर ने इसे नियंत्रित करने के लिए कई तरह के उपचार अपनाए, जिसमें वेदम आयुर्वेद और अन्य स्वास्थ्य स्पा के ट्रीटमेंट भी शामिल हैं। जब उनका थायराइड नियंत्रण में आ गया, तो उन्होंने वजन कम करने और अपनी सेहत को बेहतर बनाने के लिए एक खास डाइट प्लान अपनाया, जिसे OMAD (One Meal A Day) डाइट के नाम से जाना जाता है।
इस डाइट में व्यक्ति को दिन में केवल एक बार ही भोजन करना होता है। करण जौहर ने बताया कि उनके लिए इस डाइट को अपनाना शुरुआत में काफी चुनौतीपूर्ण था। पहले सात दिन उनके लिए बेहद मुश्किल भरे रहे, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और लगातार सात महीने तक इस डाइट का सख्ती से पालन किया। वह आमतौर पर शाम 7 से 8 बजे के बीच अपना दिन का एकमात्र भोजन करते हैं। इसी डाइट और अनुशासित जीवनशैली की वजह से उनके वजन में यह उल्लेखनीय कमी आई है।
क्या है थायराइड और इसके लक्षण?
थायराइड गले में स्थित एक छोटी तितली के आकार की ग्रंथि है जो शरीर के मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करने वाले हार्मोन बनाती है। जब यह ग्रंथि ठीक से काम नहीं करती, तो कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। थायराइड के कुछ आम लक्षण इस प्रकार हैं:
अत्यधिक थकान महसूस होना
घबराहट और बेचैनी
चिड़चिड़ापन और मूड में बदलाव
हाथों में कंपन होना
नींद आने में परेशानी या बहुत अधिक नींद आना
बालों का झड़ना
मांसपेशियों में दर्द और कमजोरी
अचानक वजन कम होना या बढ़ना
किसे है थायराइड का ज्यादा खतरा?
थायराइड की समस्या किसी को भी हो सकती है, लेकिन कई बार लोग इसके शुरुआती लक्षणों को सामान्य मानकर नजरअंदाज कर देते हैं। डॉक्टरों की सलाह है कि 30 साल की उम्र के बाद नियमित रूप से थायराइड की जांच करवानी चाहिए। महिलाओं में, खासकर 30-35 साल की उम्र के बाद, थायराइड होने की संभावना पुरुषों की तुलना में अधिक होती है। शरीर में होने वाले हार्मोनल बदलाव और आज की भागदौड़ भरी तनावपूर्ण जीवनशैली को थायराइड का एक बड़ा कारण माना जाता है।
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