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Up Kiran, Digital Desk: नवरात्रि का समय आते ही मन में एक अलग ही उत्साह और श्रद्धा भर जाती है। चारों तरफ भक्ति का माहौल होता है और ऐसा लगता है मानो माँ दुर्गा खुद धरती पर आ गई हों। कई लोग इन नौ दिनों में व्रत रखकर अपनी श्रद्धा दिखाते हैं, लेकिन हर कोई स्वास्थ्य, उम्र या किसी और वजह से व्रत नहीं रख पाता। मन में सवाल उठता है कि क्या बिना उपवास के हमें माँ का आशीर्वाद नहीं मिलेगा?

ऐसा बिल्कुल नहीं है। माँ दुर्गा तो भाव की भूखी हैं, उन्हें दिखावा नहीं, सच्ची श्रद्धा चाहिए। अगर आप भी किसी कारण से व्रत नहीं कर पा रहे हैं, तो चिंता मत कीजिए। कुछ आसान और सच्चे मन से किए गए काम भी आपको माँ की कृपा का पात्र बना सकते हैं।

1. सात्विक भोजन अपनाएंव्रत का एक बड़ा मकसद शरीर और मन को शुद्ध करना होता है। आप उपवास ना भी करें, तो भी इन नौ दिनों में अपने खान-पान को सात्विक रख सकते हैं। कोशिश करें कि घर पर बना शुद्ध शाकाहारी भोजन ही खाएं। लहसुन, प्याज, और बाहर के खाने से दूर रहकर भी आप एक तरह की साधना ही करते हैं।

2. मंत्रों का जाप करेंमंत्रों में बहुत शक्ति होती है। आप हर दिन सुबह-शाम कुछ समय निकालकर माँ दुर्गा के मंत्रों का जाप कर सकते हैं। "ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै" एक बहुत ही सरल और शक्तिशाली मंत्र है। इसे रोज़ाना 108 बार जपने से घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है और मन शांत रहता है।

3. ज़रूरतमंदों की मदद करेंसेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं। नवरात्रि में आप किसी गरीब कन्या को भोजन करा सकते हैं या उसकी पढ़ाई-लिखाई में मदद कर सकते हैं। किसी जरूरतमंद को अन्न या वस्त्र दान करना भी माँ को प्रसन्न करने का एक सीधा रास्ता है। जब आप किसी के चेहरे पर मुस्कान लाते हैं, तो माँ दुर्गा सबसे ज़्यादा खुश होती हैं।

4. घर की साफ-सफाईकहते हैं कि माँ दुर्गा का वास वहीं होता है जहाँ स्वच्छता होती है। इन नौ दिनों में अपने घर और पूजा स्थान को ख़ास तौर पर साफ़-सुथरा रखें। सुबह-शाम घर के मंदिर में दीपक और अगरबत्ती जलाएं। इससे घर का वातावरण पवित्र होता है और नकारात्मकता दूर होती है।

5. दुर्गा सप्तशती का पाठ सुनें या पढ़ेंअगर आपके पास समय है, तो दुर्गा सप्तशती का पाठ करें। अगर आप पढ़ नहीं सकते, तो इसे सुन भी सकते हैं। आजकल इंटरनेट पर यह आसानी से उपलब्ध है। माँ दुर्गा की वीर गाथाओं और उनके चमत्कारों को सुनने मात्र से मन में हिम्मत और श्रद्धा का संचार होता है।

6. क्रोध और अहंकार से बचेंनवरात्रि आत्म-चिंतन का भी समय है। कोशिश करें कि इन दिनों आप किसी पर गुस्सा न करें, किसी से ऊंची आवाज़ में बात न करें और अपने मन में अहंकार को जगह न दें। शांत और सरल स्वभाव बनाए रखना भी एक तरह की पूजा ही है।

7. नारी का सम्मान करेंनवरात्रि नारी शक्ति का उत्सव है। हमारे आस-पास मौजूद हर महिला, चाहे वह माँ हो, बहन हो, पत्नी हो या बेटी, सब में माँ का ही रूप देखें। इन नौ दिनों में विशेष रूप से ध्यान रखें कि आपके व्यवहार से किसी भी महिला को दुख न पहुँचे। उनका सम्मान करना माँ दुर्गा की सबसे बड़ी पूजा है।